SBI: 27 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकालेंगे, नई भर्तियां बंद

नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) का प्रबंधन आने वाले दिनों में करीब 27 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकालने वाला है। इसी के साथ नई भर्तियां भी बंद कर दी जाएंगी। यह छंटनी उससे रिलेटेड 6 दूसरे बैंकों का एसबीआई में विलय हो जाने के कारण की जाएगी। बताया जा रहा है कि करीब 10 प्रतिशत कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया जाएगा। यह संख्या 27 हजार के करीब है। बता दें, एसबीआई में उससे संबंधित छह अन्य बैंक- बीकानेर एवं जयपुर स्टेट बैंक, मैसूर स्टेट बैंक, त्रावणकोर स्टेट बैंक, पटियाला स्टेट बैंक, हैदराबाद स्टेट बैंक और भारतीय महिला बैंक का विलय हो जाना तय है। अभी एसबीआई में 2 लाख 7 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं और इस विलय के बाद इस संख्या में 70 हजार का इजाफा होगा और एसबीआई के पास कुल कर्मचारियों की संख्या 2, लाख 77 हजार हो जाएगी।

क्यों की जाएगी छटनी
एसबीआई के महाप्रबंधक रजनीश कुमार के मुताबिक, डिजिटलीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है और इस विलय के बाद उसके पास कार्यबल की अधिकता हो जाएगी। उन्होंने कहा कि समय के साथ कार्यबल में कमी की जाएगी और संभव है अगले दो वर्षों में हमारे कार्यबल में 10 फीसदी की कटौती हो। बैंक के मुताबिक, कंपनी ने स्व-सेवानिवृत्ति की पेशकश भी दी है। इसके अलावा स्वाभाविक छंटनी भी होगी और हर साल हम नौकरी छोड़ने वालों, सेवानिवृत्त होने वालों या स्व-सेवानिवृत्ति लेने वालों की भरपाई नहीं करेंगे। डिजिटलीकरण के चलते भी कार्यबल में कटौती की जाएगी। 

कितने लोगों की जाएगी नौकरी
विलय के बाद एसबीआई के पास कुल कर्मचारियों की संख्या 2, लाख 77 हजार हो जाएगी। बैंक अधिकारियों के मुताबिक, 10 प्रतिशत कार्यबल में कटौती की जाएगी इसलिए अनुमान के मुताबिक इस छटनी के दायरे में करीब 27 हजार कर्मचारी आ सकते हैं। बैंक की मानें तो दो साल के अंदर यह सारे असर दिखाई देने लगेंगे। एक ही जिम्मेदारी के पद पर एक से अधिक कर्मचारियों को हटाया जाएगा और फील्ड कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाएगी।

नई नियुक्तियों पर भी पड़ेगा असर
बैंक अधिकारियों से स्पष्ट कर दिया है कि नए कर्मचारियों की नियुक्ति रुकेगी नहीं लेकिन इसमें 50 फीसदी की कमी की जाएगी। अब एसबीआई हर साल सिर्फ वेकेंसी निकालेगा। राजनीश ने कहा, 'हम नई वेकेंसी को रोकेंगे नहीं, क्योंकि इससे निचले स्तर पर अंतराल पैदा होता है। लेकिन हर वेकेंसी को भरने की जरूरत नहीं होगी। अगर किसी एक साल में 13 हजार कर्मचारी रिटायर होते हैं, तो हम उसी अनुपात में सिर्फ 50 प्रतिशत वेकेंसी निकालेंगे।

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