
हालांकि पुलिस ने सोमेश गुप्ता को भी गिरफ्तार कर लिया। सभी प्रदर्शनकारियों को सेंट्रल जेल भेजा गया, जहां से शाम 5 बजे छोड़ा गया। सरपंच, सचिव जुलानिया के दफ्तर पर तालाबंदी और उनका पुतला दहन करने पर अड़े हुए थे।
मप्र पंचायत सचिव संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा, सोमेश गुप्ता और निर्भय सिंह यादव ने आरोप लगाया कि राधेश्याम जुलानियों को मुख्यमंत्री और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री का संरक्षण प्राप्त है। जिसके चलते वे अधिकारी, कर्मचारियों के साथ अभद्रता कर रहे हैं।
उन्होंने सरपंचों के अधिकार छीन लिए, सचिवों को पांच महीने से वेतन नहीं दिया, छठवें वेतनमान और अनुकंपा नियुक्ति की फाइलें दबा ली। पदाधिकारियों का आरोप है कि जुलानिया ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जनवरी में डेढ़ लाख हितग्राहियों के चयन का टारगेट दिया था जिसे पूरा करने के बाद उन्होंने दोबारा नियम बदल दिए। जिसके कारण सभी हितग्राही अपात्र की श्रेणी में आ जाएंगे।