गोवा के बाद यूपी में भी टिकट वितरण से RSS नाराज

नई दिल्ली। गोवा चुनाव में RSS स्वयंसेवकों का एक बड़ा वर्ग भाजपा के खिलाफ खुलेआम सभाएं कर रहा है। अब यूपी में भी आरएसएस का एक बड़ा वर्ग भाजपा के टिकट वितरण से नाराज है। सवाल यह है कि यदि वो बागी हो गया तो क्या होगा। 

यूपी में भाजपा के कार्यकर्ता पहले से ही नाराज हैं। जब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह बीजेपी घोषणा पत्र जारी करने के लिए लखनऊ पहुंचे थे। उस समय कई कार्यकर्ताओं ने उनके सामने टिकट बंटवारे का मुद्दा उठाते हुए प्रदर्शन किया था। इतना ही नहीं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य को भी बीजेपी कार्यकर्ताओं का गुस्से का शिकार बनना पड़ा। 

प्रदेश अध्यक्ष को बंधक बना लिया था 
बीजेपी कार्यकर्ता टिकट बंटवारे से इसकदर नाराज थे कि उन्होंने फैजाबाद में केशव प्रसाद मौर्य को बंधक तक बना लिया। इन घटनाओं के बाद पार्टी से अंदरुनी सूत्रों का कहना था कि ऐसा पहली बार हो रहा है जब कार्यकर्ताओं का गुस्सा ऐसे फूटा हो। टिकट बंटवारे का गुस्सा केवल भारतीय जनता पार्टी से जुड़े कार्यकर्ताओं में ही देखने को नहीं मिल रहा है बल्कि बीजेपी के एक धड़े और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में भी इसको लेकर बेचैनी साफ नजर आ रही है। 

RSS की 6 में से 4 इकाईयां नाराज 
यूपी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 6 प्रदेश इकाईयां हैं। उनमें से 4 का कहना है कि कुछ सीटें ऐसी हैं जहां मनमाने ढंग से टिकट वितरण किया गया और बाहरी लोगों और रिश्तेदारों को टिकट दिया गया, यहां टिकट बंटवारे में जमीन पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई है। सूत्रों के मुताबिक संगठन में काम करने वाले पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामलाल और आरएसएस के सह-सरकार्यवाह बीजेपी इंचार्ज कृष्ण गोपाल इस कोशिश में लगे हैं सभी प्रांत प्रचारकों को इस बात के लिए समझाया जाए कि वो सारे विवाद को भूल कर बीजेपी को जिताने के लिए काम करें। 

RSS कार्यालय पहुंची थी रीता जोशी, नहीं मिले प्रचारक 
आरएसएस के एक प्रचारक ने रामलाल से कहा कि ये आग जिसने लगाई है वही बुझाएगा, हम क्या कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक पूर्वांचल के क्षेत्र प्रचारक शिव नारायण, जिनका विधानसभा क्षेत्र 263 है, वो बीजेपी उम्मीदवार के साथ बैठक के लिए नहीं जा रहे हैं। ऐसे ही कांग्रेस से बीजेपी में आई रीता बहुगुणा जोशी भी 25 जनवरी को लखनऊ में आरएसएस कार्यालय पहुंची थी जिससे की कार्यकर्ताओं से मिल सकें, उनका समर्थन हासिल कर सकें लेकिन आरएसएस कार्यकर्ताओं ने उनसे मुलाकात करने से इंकार कर दिया। रीता बहुगुणा जोशी ने बताया कि ये गलत है कि वो हमसे नहीं मिले, वो हमसे एक बार मिले। आरएसएस राजनीतिक पार्टी नहीं है। वो अंदर ही अंदर काम करते हैं, मुझे विश्वास है कि वो शांति से काम करेंगे। 

वाराणसी इलाके की बात करें तो वहां भी टिकट बंटवारे का असर नजर आ रहा है। जिन्हें टिकट दिया गया है उससे कार्यकर्ताओं में निराशा है। इस बात की जानकारी वरिष्ठ आरएसएस प्रचारक की ओर से दी गई है। ये हाल प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में भी देखा जा रहा है। 

यही आखरी फैसला है, भले ही कोई नाराज हो जाए: BJP
प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता चंद्र मोहन ने बताया कि उम्मीदवारों का चयन पार्टी संगठन से जुड़े नेताओं ने किया है। इसमें उम्मीदवारों का चयन उनकी इमेज और जीत की स्थिति को देखते हुए किया है। पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेता ने बताया कि कई वरिष्ठ नेताओं से बातचीत के बाद उम्मीदवारों का नाम फाइनल होता है। इसमें जिला अध्यक्ष, क्षेत्रीय इकाई के नेता, प्रदेश इकाई के नेता, स्थानीय सांसद से राय ली जाती है। आखिर सर्वे के जरिए उम्मीदवार का चयन किया जाता है। यही आखिरी फैसला होता है भले ही एक वर्ग इससे नाराज हो जाए।

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