
आपको बताते चले कि इससे पहले चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर प्रधानमंत्री आवास योजना की वेबसाइट पर से हटाने के लिए भी मुख्य सचिव को पत्र लिखा था। चुनाव आयोग का मानना था कि यह चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन है। वहीं मनोहर पर्रिकर जैसा ही बयान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ से दिए जाने पर पूछा था कि क्यों न आम आदमी पार्टी की सदस्यता को रद्द कर दिया जाए।
पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के दौरान आचार संहिता को लागू करवाने का जिम्मा चुनाव आयोग पर है। इससे पहले चुनावों के दौरान ही एक्जिट पोल दिखाने पर एक दैनिक जागरण के संपादक और मैनेजमेंट के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। वहीं दैनिक जागरण ऑनलाइन के संपादक शंशाक शेखर त्रिपाठी को जेल तक जाना पड़ा जिन्हें बाद में बेल पर रिहा कर दिया गया।