
मामला होशंगाबाद जिले के मिडघाट जंगलों का है। वनविभाग के अफसरों का कहना है कि टाइगर की दोनों किडनी फेल मिली हैं। उसके पेट में छाले भी मिले है। हालांकि अभी टाइगर की पीएम रिपोर्ट की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है लेकिन इस तरह भूख से तड़प-तड़प कर मर जाना एक बड़ा मामला है। वीवी सिंह, एसडीओ बुदनी ने पुष्टि की है कि वो 10 दिन से भूखा था।
मप्र में टाइगर की असमय मृत्यु का यह पहला मामला नहीं है। वन अमले की मिली भगत के चलते टाइगर पहले भी शिकारियों के निशाने पर रहे हैं। जंगल में आम जनता एवं मीडिया का दखल ना होने के कारण वनविभाग मनमानी कहानी जारी कर देता है। वही दस्तावेजों में रिकॉर्ड भी कर ली जाती है।