
पृष्ठ 43 प्रश्न क्रमांक (589) में विधायक दिनेश अहिरवार ने स्कूल शिक्षामंत्री से प्रश्न कर जबाव चाहा:
(1) क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेगे कि क्या मप्र, के शासकीय शालाओ में बर्षो से पदस्थ अतिथि शिक्षकों द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वाहन बड़ी ईमानदारी के साथ कर रहे है। एवं शालाओ में समय पर शैक्षणिक गतिविधियों का संचालन इन अतिथि शिक्षको के द्वारा किया जा रहा है।
(2) यदि हॉ तो शासकीय शालाओं में अतिथि शिक्षकों के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है। उनको मजदूरो से भी कम परिश्रमिक दिया जा रहा है।
(3) क्या वर्षो से प्रदेश की शासकीय शालाओ में पदस्थ अतिथि शिक्षकों को मप्र शासन नियमित करने का कार्य करेगी। जिससे इस मंहगाई के समय में अतिथि शिक्षकों को न्याय मिल सके।
स्कूल शिक्षामंत्री विजय शाह ने विधायक के प्रश्नो का क्रमशः दिया जबाव
(1) विद्यालयों में शिक्षक के अवकाश पर रहने अथवा पद रिक्तता की स्थिति में तात्कालिक रूप में शिक्षण हेतु अतिथि शिक्षक की व्यवस्था की जाती है।
(2) अतिथि शिक्षकों को निर्धारित मानदेय दिया जाता है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नही होता है।
(3) ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नही है।
भोपाल समाचार से बातचीत में बिधायक दिनेश अहिरवार का कहना कि स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह ने अतिथि शिक्षकों के संबंध में जो प्रश्नो का जबाव दिया है। मैं बिल्कुल संतुष्ट नही हूॅ। और व्यक्तिगत रूप से प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के समक्ष अतिथि शिक्षकों को परमानेंट करने की बात रखूॅगा। अतिथि शिक्षक जब तक नियमित नही होते उनकी लडाई लडता रहूॅगा।