
भाजपा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में 265 से ज्यादा सीटें जीतने के लिए दूसरे दलों में जमकर तोड़फोड़ की थी। भाजपा के संगठन मंत्री स्तर के नेता दूसरे दल के नेताओं को भाजपा में बुलाने के लिए अभियान चला रहे थे। इस तरह का अभियान चलाकर वो मप्र में सफल हो चुके हैं अत: वही रणनीति यहां उपयोग कर रहे थे, लेकिन यूपी में यह दांव उल्टा पड़ गया।
अब बाहर से आने वाले अति विशिष्ट नेताओं को भाजपा मुख्यालय में और बाकी सभी को जिलों में ज्वाइन कराया जाएगा। भाजपा के प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओमप्रकाश माथुर, प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य, संगठन महामंत्री सुनील बंसल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. दिनेश शर्मा, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, राष्ट्रीय मंत्री महेन्द्र सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष शिवप्रताप शुक्ल, प्रदेश पदाधिकारी और क्षेत्रीय अध्यक्ष व संगठन मंत्रियों की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले हुए।
बाद में पत्रकारों से केशव मौर्य ने बताया कि हम जिन बाहरी लोगों को भाजपा की सदस्यता दे रहे हैं वह टिकट के वादे पर नहीं बल्कि कमल खिलाने के इरादे से आ रहे हैं। टिकट के लिए भाजपा का सर्वे चल रहा है। अगर क्षेत्र में हमारा बुनियादी कार्यकर्ता बाहर से आने वाले किसी भी बड़ी शख्सियत से मजबूत है तो टिकट उसे ही मिलेगा।