मान, ना-मान कैलाश विजयवर्गीय सबका मेहमान

भोपाल। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को ट्वीटर क्या मिल गया मानो किसी बच्चे को हनुमानजी का सोठा मिल गया। बच्चा हर आने जाने वाले में ठोक देता है। कैलाश विजयवर्गीय भी हर रिलेटिव, इंरिलेटिव सब्जेक्ट पर ट्वीट ठोक डालते हैं। प्रभारी उत्तराखंड के हैं, टांग यूपी की राजनीति में अड़ा रहे हैं। उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार गिराने के खेल में फेल हो गए। भाजपा को संभाल नहीं पा रहे हैं और समाजवादी पार्टी की गुटबाजी पर ट्वीट किए जा रहे हैं। 

कैलाश विजयवर्गीय ने मुलायम सिंह को 'बाबर भक्त' कहकर उनपर तंज कसा है और कहा है कि अगर मुलायम 'रामभक्त' होते तो उनको ये दुर्दिन नहीं देखने पडते। क्‍योंकि श्रीराम ने तो पिता की आज्ञा पर सत्ता का त्याग कर दिया था। मुलायम तो बाबर भक्त हैं और इतिहास गवाह है कि बाबर के वंशजों ने सत्ता के लिए अपने पिता तक को जेल में डाल दिया था।

किया कोठारी बंधुओं को याद 
इतना ही नहीं उन्होनें मुलायम की बिगडी तबीयत पर भी तंज कसा है। कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट किया है कि बेटे ने राजनीति में साथ क्या छोड़ा मुलायम जी का ब्लड प्रेशर बढ गया। अयोध्या के आंदोलन के शहीद शरद व राम कोठारी के माता-पिता का सोचिए, उन पर क्या गुजरी होगी, जिनके बेटों को आपकी पुलिस ने गोलियों से भून दिया था। 

प्रतिक्रियाओं में लोगों ने पूछे सवाल
आप तो रामभक्त हो फिर महू में वोट के लिए नोट क्यों बांटे। 
कल्याण सिंह भी तो रामभक्त थे, उनका क्या हुआ। 
प्रिय रामभक्त, पहले मंदिर तो बनवा दो। 
राजाराम टाट में, कैलाश विजयवर्गीय ठाठ में। 
उमा भारती तो रामभक्त थीं, फिर उनके साथ मप्र में अन्याय क्यों हुआ। 

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