रबर जैसी रोटी बच्चे कैसे खाते होंगे: शिक्षामंत्री की छापामारी

इंदौर। सुदामा नगर स्थित शासकीय अत्रीदेवी स्कूल। शनिवार दोपहर 12.30 बजे। कहानी उत्सव चल रहा था। बिना सूचना स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह पहुंचे। बच्चों ने कहानियां सुनाई और मंत्री ने भी अपने स्कूल के दिनों को याद करते हुए बच्चों को कहानी सुनाई। वे बच्चों से बोले- हमारे समय मिड डे मील नहीं मिलता था। इसी बीच मंच से बच्चों से पूछा-आज मध्याह्न भोजन किया। बच्चों ने कहा-हां। फिर बोले- मैं आज वह खाना खाऊंगा जो बच्चों ने खाया। बचा है या नहीं ? जवाब मिला- नहीं।

उन्होंने पता करवाया तो भोजन बचा था। बोले- लेकर आइए। दाल-रोटी परोसी गई। खाने के लिए मंच पर ही स्कूल की तीन बच्चियों के साथ बैठे। उन्होंने रोटी का पहला निवाला तोड़ा, उसे रख दिया। इसके बाद चार-पांच रोटियां और बीच से तोड़-तोड़कर देखीं। दाल भी देखी। एक निवाला उसमें डुबोकर खाया और सख्त अंदाज में बोले- ये रोटियां इतनी चीठी हैं कि ठीक से टूट नहीं रहीं, दाल भी पानी जैसी। रबर जैसी रोटी बच्चे कैसे खाते होंगे। 

रोटियों का पंचनामा बनाकर नांदी फाउंडेशन भिजवाइए। सब्जी-चावल व मीठा तो है ही नहीं। भोजन का स्तर सुधारिए। बच्चों को ऐसा खाना नहीं खिलाएं। शाह के साथ जिले परियोजना समन्वयक अक्षय सिंह राठौर भी थे। कोठी में बंद कर रखते हैं रोटियां, तब भी ऐसी रहती हैं। 
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