
ऐप स्कैनिंग से होंगे ट्रांजैक्शन्स...
व्यापारी या दुकानदार किसी भी ग्राहक को QR कोड दिखाएगा. इसे रूपे, मास्टरकार्ड और वीजा जैसे पेमेंट नेटवर्क्स के ऐप से स्कैन किया जा सकेगा. इसके बाद आसानी से ग्राहक कोई भी रकम दुकानदार के खाते में ट्रांसफर कर सकेगा. इस तरह के QR कोड आधारित पेमेंट के लिए डेबिट या फिर क्रेडिट कार्ड की कोई जरूरत नहीं होगी. फिलहाल पेटीएम के माध्यम से इस तरह की सुविधाएं मिलती हैं लेकिन इसके तहत दुकानदार और ग्राहक दोनों के पास इस ऐप का होना जरूरी है. यही वजह है कि पेटीएम किसी दूसरे पेमेंट नेटवर्क को स्वीकार नहीं करता है.
दूसरे ऐप्स के जरिए भी रकम होगी ट्रांसफर...
हालांकि सरकार की ओर से प्रस्तावित इस पेमेंट सिस्टम में दूसरे ऐप्स के माध्यम से भी धनराशि ट्रांसफर की जा सकेगी. इस मसले पर भारत सरकार के मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में बैंकों, पेमेंट कंपनियों और सरकारी अधिकारियों के बीच मुलाकात के दौरान इस तरह के कॉमन QR कोड पर काम करने का आइडिया सामने आया. इस प्रचलित QR आधारित पेमेंट सॉल्यूशन को फिलहाल इंडिया QR कहा जा रहा है. इसे जनवरी तक लॉन्च किए जाने की योजना है.
QR कोड पेमेंट्स के मामले में वीजा है अव्वल...
QR कोड पर आधारित ट्रांजैक्शंस के मामले में वीजा को अव्वल माना जा रहा है. इसने साल भर पहले बंगलुरु में 'एम वीजा' की शुरुआत की थी. गौरतलब है कि एम वीजा को दुनिया भर के तमाम बाजारों में इसे पेमेंट के लिए इस्तेमाल किया जाता है. हाल ही में मास्टरकार्ड ने भी QR सर्विस सुविधा की शुरुआत की है. इसके अलावा रूपे भी जल्द ही ऐसी सुविधा की शुरुआत करने वाला है.
सरकार का है तीसरा मोर्चा...
यह तीसरा मोर्चा है. सरकार इसके माध्यम से कैशलेस पेमेंट्स की और बढ़ने के प्रयास में जुटी है. पिछले सप्ताह ही सरकार ने तीन महीनों के भीतर देश भर में 10 लाख अतिरिक्त कार्ड स्वाइप मशीनें लगवाने का लक्ष्य तय किया है. इसके अलावा सरकार स्मार्टफोन के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस और मोबाइल मैसेजिंग पर आधारित पेमेंट अप्लिकेशन शुरू करने की भी तैयारी में है.