अब 3 रुपए किलो आटा बेचेगी शिवराज सरकार

भोपाल। प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत सरकार अब आटा बेचेगी। ये विटामिन और आयरन फोलिक एसिड युक्त होगा और इसकी कीमत 3 से 5 रुपए प्रति किलोग्राम हो सकती है। इसे दस किलो के पैकेट में उन हितग्राहियों को बेचा जाएगा, जिनके परिवार को 15 किलोग्राम से ज्यादा गेहूं लेने की पात्रता है। ये पूरी तरह से ऐच्छिक रहेगा।

शुरुआती तीन माह में फीडबैक लेने के बाद सरकार इसे अनिवार्य करने को लेकर अंतिम निर्णय लेगी। प्रोजेक्ट की शुरुआत भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर से होगी। खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग प्रदेश की राशन दुकानों से फोर्टिफाइड आटा बेचने को लेकर तीन-चार साल से कोशिश कर रहा है।

अब पूरी तैयारी के साथ प्रस्ताव बनाकर विभागीय मंत्री को भेजा गया है। सूत्रों के मुताबिक मिलर को गेहूं मुहैया कराया जाएगा, जो आटा बनाकर नागरिक आपूर्ति निगम के गोदाम में जमा कराएगा। यहां से दुकानों पर पैकेट भेजे जाएंगे। तीन महीने में इसे बेचकर हितग्राहियों से फीडबैक लिया जाएगा। यदि मांग आती है तो इसे कुछ मात्रा में अनिवार्य भी किया जा सकता है।

गुजरात का प्रयोग लागू करने की तैयारी
विभाग प्रदेश में गुजरात का प्रयोग लागू करने की तैयारी में है। विभाग के प्रमुख सचिव केसी गुप्ता ने बताया कि 2008 में जब नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक थे तब वे पूरी टीम को लेकर गुजरात इस प्रयोग को देखने गए थे। वहां पीडीएस में फोर्टिफाइड आटा दिया जाता है, जिसकी खपत काफी अच्छी है।

आटा बनाने निकालेंगे टेंडर
सूत्रों का कहना है कि विभाग किसी एक मिलर के भरोसे नहीं रहेगा। इसके लिए टेंडर निकाले जाएंगे। जो मिलर आटा बनाकर देगा, उसे प्रमाण भी देना होगा कि आटा फोर्टिफाइड है। यदि इसकी बिक्री नहीं होती है तो उसे मिलर वापस लेने के लिए बाध्य होगा।

मिड डे मील में नहीं लेंगे
विभाग ने मिड डे मील में गेहूं की जगह आटा लेने के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को प्रस्ताव दिया था, लेकिन अपर मुख्य सचिव राधेश्याम जुलानिया ने इसे खारिज कर दिया।

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