नल-जल योजना में हुआ 78 करोड़ का घोटाला: कांग्रेस

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता रवि सक्सेना ने कहा है कि वर्ष 2013-14 में नल-जल योजना में हुए करीब 78 करोड़ के घोटाले की जांच ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त को ना सौंपकर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों ने एक गुणवत्ता परीक्षण समिति बनाकर एक ओर इस घोटाले की लीपापोती कर दी गई है तथा भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को क्लीनचिट देने की तैयारी की जा रही है। 

वहीं दूसरी ओर नये सिरे से नल-जल योजना के लिए अब फिर से राज्य सरकार द्वारा एक अरब रूपयों की धनराशि का आवंटन पंचायत एवं ग्रामीण विकास एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को बंद पड़ी एक हजार नल-जल योजना को चालू करने के लिए दिया गया है, जिसमें फिर से भारी भ्रष्टाचार करने की छूट इन विभागों के अधिकारियों को मिल जायेंगी। 

श्री सक्सेना ने कहा है कि प्रदेश के हजारों ग्रामों में नल-जल योजनाओं की अत्यंत दयनीय स्थिति है, इसमें भी इंदौर, रतलाम, धार, झाबुआ, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा, सतना, शहडोल, रायसेन, सीहोर, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, पन्ना, दतिया, मुरैना सहित करीब 40 जिलों में घटिया सामग्री उपयोग करने के कारण यह योजना दम तोड़ गई है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन यूपीए सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के क्रियान्वयन के लिए राज्य की भाजपा सरकार को एक हजार करोड़ की धनराशि आवंटित की गई थी, जिसमें भारी भ्रष्टाचार किया गया है, जिससे कारण ये नल-जल योजनाएं दो-तीन महीने में ही ध्वस्त हो गईं थी, जिसमें पंचायत एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर उन्हें दंडित किया जाना चाहिए था, किन्तु राज्य शासन ने आज तक इन भ्रष्ट अधिकारियांे पर कोई कार्यवाही नहीं की है। 

श्री सक्सेना ने कहा कि नल-जल योजना के लिए फिर से जो एक अरब रूपयों का आवंटन दिया गया है, जिसका उपयोग होने के पूर्व राज्य सरकार इस योजना में 78 करोड़ का घोटाला करने वाले अधिकारियों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज दोषियों को दंडित करे तभी नये सिरे से इस योजना को लागू करना उचित होगा, अन्यथा इन विभागों के अधिकारी फिर इस योजना की भारी भरकम राशि में भ्रष्टाचार कर फिर से इस योजना को पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। 

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