नईदिल्ली। इंदिरा गांधी अगर जीवित होतीं, तो शत्रुघ्न सिन्हा आज कांग्रेस में होते। राजनीति का ख ग भी उन्हें कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय ने सिखाया। इस बात का खुलासा बुधवार को बॉलीवुड के स्टार सह सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने जमशेदपुर में पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में किया।
पुस्तक 'नथिंग बट खामोश' के विमोचन के लिए वे जमशेदपुर पहुंचे हुए थे। उन्होंने झारखंड सरकार की नई फिल्म नीति का स्वागत किया, लेकिन इस बात पर अफसोस जताया कि राज्य में पहली बार फिल्म सिटी का प्रोजेक्ट प्रस्ताव देने और सालों पहले आईएएस सजल चक्रवर्ती के साथ दौड़धूप करने के बावजूद आज जब वो धरातल पर रघुवर सरकार के समय आया तब उन्हें दरकिनार कर अनुपम खेर को जगह दी गई। हालांकि उन्होंने अनुपम खेर को महान कलाकार कहा।
सर्जिकल स्ट्राइक 'खामोश'
शत्रुघ्न सिन्हा ने सर्जिकल स्ट्राइक पर बेबाकी से राय रखते हुए इस कदम के लिए पीएम मोदी को सैल्यूट किया और इस मुद्दे पर राजनीति न करने की सबको सलाह दी। बॉलीवुड में पाकिस्तानी कलाकारों के मुद्दे पर दो फाड़ में बंट जाने के बाबत पूछने पर उन्होंने कहा कि देश ही सर्वोपरि है, बाकी बाद में। शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने ऊपर लिखी भारती प्रधान रचित पुस्तक नथिंग बट खामोश के बारे में भी विस्तार से बातचीत की और कहा कि ये पुस्तक प्रेरणादायी है कि कैसे एक युवक पटना की गलियों से निकलकर बिना किसी गॉडफादर के बॉलीवुड और बाद में राजनीति में अपनी पहचान बनाता है। पुस्तक में सब कुछ गुड-गुड नहीं बल्कि ग्रे भी है, लेकिन वल्गर कहीं भी नहीं।