
पिछले दिनों हुई जन शिक्षक प्रकाश चौहान की आत्महत्या के एक सप्ताह बीतने के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नही हुई है। जन शिक्षक द्वारा सुसाइड नोट में अपनी आत्महत्या का जिम्मेदार जिला पंचायत सीईओ बी कार्तिकेय को ठहराया था, लेकिन पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर सीईओ के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया है।
इस संबंध में परिजनों का आरोप है कि मीडिया में जिस तरह कलेक्टर बयान दे रहे हैं कि सीईओ पर कोई कार्यवाही नही होगी, उससे प्रतीत होता है कि प्रशासन मामले को दबाने में लगा है। प्रकाश की पत्नी का कहना है कि प्रकाश ने मुझे बताया था कि मीटिंग में सीईओ साहब ने नौकरी से निकाल देने को कहा, जिसके बाद से वह बहुत परेशान रहने लगे थे।
वही प्रकाश के परिवार को सांत्वना देने पहुचे क्षेत्रीय विधायक व उपनेता प्रतिपक्ष बाला बच्चन ने परिवार से पूरे मामले पर चर्चा की। बाला बच्चन ने कहा कि जिला पंचायत सीईओ और कलेक्टर की मनमानी नही चलेगी, सुसाइड नोट के आधार पर सीईओ के कारण प्रकाश ने आत्महत्या की है। कलेक्टर की बयान बाजी नही चलेगी, कानून अपना काम करेगा हम भी लड़ेंगे चाहे कलेक्टर हो या सीईओ।
वही जिले में दबंगों के समूहों को मध्याह्न भोजन दिए जाने पर बाला बच्चन ने कहा कि ये शासन व प्रशासन की जिम्मेदारी है। ऐसे समूहों को हटाया जाए, मध्याह्न भोजन की कार्रवाई में जो जिम्मेदारी जन शिक्षक की बनती है उससे ज्यादा कलेक्टर व सीईओ की बनती है। उन्होंने क्यों कारवाही नही की।