मप्र के 6 जिलों में 108 एम्बुलेंस सेवा ठप, सरकारी बौखलाई

भोपाल। 108 एम्बुलेंस का संचालित करने वाली कंपनी GVKI और नेशनल हेल्थ मिशन(NHM) के बीच कांट्रेक्ट खत्म हो गया। 108 सेवा संचालित करने वाले GVKI के कर्मचारी बेरोजगार हो गए। लिहाजा वे शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात से उन्होंने सेवाएं देना बंद कर दीं। अब सरकार ने उन्हें धमकाया है कि अगर फोन करने के बावजूद एम्बुलेंस नहीं पहुंचती है और किसी मरीज की मौत होती है, तो कर्मचारी पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाएगा।

GVKI मप्र में पिछले 5 साल से 108 एंबुलेंस का संचालन करती आ रही थी। 30 सितंबर को उसका कांट्रेक्ट टर्मिनेट कर दिया गया। नया कांट्रेक्ट विवादास्पद कंपनी जिगित्सा हेल्थकेयर को दिया गया है। उल्लेखनीय है कि यह कंपनी राजस्थान में ब्लैक लिस्टेड कर दी गई है। कंपनी ने पहले से ही एम्बुलेंस से जुड़े कर्मचारियों को नौकरी पर रखने से मना कर दिया है। अपनी रोजी-रोटी छिनने से परेशान कर्मचारियों ने 108 सेवा बंद कर दी। हालांकि सरकार ने 20 अक्टूबर तक GVKI का कांस्ट्रेक्ट बढ़ाया है, लेकिन कर्मचारियों का कहना है कि, इन 20 दिनों की सैलरी कौन देगा?

शनिवार को एम्बुलेंस न मिलने से मरीजों को अस्पताल ले जाने लोगों को परेशानी उठानी पड़ी। जब भी कोई कॉल सेंटर पर कॉल करता, तो जवाब मिलता कि तकनीकी खराबी के कारण एम्बुलेंस सेवा बंद है। हड़ताल प्रदेश के छह जिलों में एक साथ हुई। इनमें मुख्यमंत्री के क्षेत्र सीहोर के अलावा भोपाल, झाबुआ, बैतूल, रीवा, सागर और इंदौर शामिल हैं।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !