
इससे पहले कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी भी कमलनाथ को सीएम कैंडिडेट बनाने संबंधी बयान दे चुके हैं। वर्मा ने कहा कि शहडोल संसदीय उप चुनाव के लिए अकेले अरुण यादव के दौरे करने से कुछ नहीं होगा। हमें उनके हाथ मजबूत करने होंगे।
बता दें कि पिछले विधानसभा चुनावों के समय भी कमलनाथ केंप की ओर से सीएम कैंडिडेटशिप मांगी गई थी। कमलनाथ केंप का मानना है कि पिछली बार देर हो गई थी, इसलिए इस बार समय रहते मांग की जा रही है। जीतू पटवारी के बाद सज्जन वर्मा प्रदेश में कमलनाथ के लिए माहौल बनाने की कोशिश का रहे हैं।
मध्यप्रदेश में कमलनाथ का मुकाबला भाजपा से बाद में, पहले घर के भीतर होगा। गुना सांसद ज्योतरादित्य सिंधिया भी इसी रेस में हैं। वो खुद अपनी रजामंदी भी जता चुके हैं और लगातार प्रदेश का दौरा भी कर रहे हैं। इसके अलावा दिग्गी दादा तो हैं हीं, उनकी चालें तो गुजर जाने के बाद ही समझ आतीं हैं। राधौगढ़ के किले से कब कौन सा योद्धा निकल आए कहा नहीं जा सकता। कांग्रेस में इस बार कुछ लोग दलित और आदिवासी कार्ड खेलने के मूड में भी हैं।