अध्यापकों के साथ सरकार द्वारा दोयम दर्जे का व्यवहार कई वर्षो से किया जा रहा है। अपने अधिकारों के लिये हमे कई बार सड़क पर आना पड़ा है। अब बारबार सड़क पर आंदोलन करने से हमारा मन भर गया है, इसलिये ये अंतिम लड़ाई पूरी ऊर्जा, जोश, जज्बे, एकता और कुशलता के साथ लड़े और जीते।
अब केवल जितना ही है, चाहे जो संकट आये अब अपना अधिकार ले कर ही रहेंगे। किसी भी प्रकार से सरकार के झांसे में नही आयेगे और न ही किसी प्रकार से हमारे आंदोलन और एकजुटता को क्षति पहुचाने वालो को बख्शेंगे।
चाहे प्राण चले जाये, जेल में डाल दे या फाँसी की सजा दे दे पर संविलियन से कम पर अब कोई समझोता नही। इसी के लिये सुनियोजित तरीके से क्रमबद्ध आंदोलन के रूप में
जगदीश यादव
प्रांताध्यक्ष
राज्य अध्यापक संघ एवं
मध्यप्रदेश के समस्त अध्यापक, संविदा शिक्षक