नईदिल्ली। अमेरिका ने एक बार फिर अपने रुख पर कायम रहते हुए पाकिस्तान को आतंकवाद ख़त्म करने की दिशा में ज़रूरी कदम उठाने की सलाह दे डाली है। अमेरिका ने स्पष्ट कहा है कि जैसा हमला उरी में किया गया था उसके बाद भारत की तरफ से की गई सर्जिकल स्ट्राइक को गलत नहीं ठहराया जा सकता। अमेरिका ने ये भी इशारा किया है कि उसे इस हमले की पहले से जानकारी थी और POK में भारतीय सेना की कार्रवाई काफी सावधानी पूर्वक उठाया गया एक ज़रूरी कदम था।
पाकिस्तान को भारत नहीं आतंकवाद से लड़ना चाहिए
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए साफ़ कहा कि उरी स्थित भारतीय सेना के कैंप जैसा आतंकवादी हमला हुआ उससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ना तय था। किर्बी ने इसी के साथ पाकिस्तान से मांग की है कि वो संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी समूहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के साथ-साथ उनकी वैधता खत्म करे। उन्होंने कहा कि स्पष्ट रूप से इस तरह का हमला भय पैदा करने वाला है।
किर्बी ने ये भी सपष्ट कर दिया कि भारत की तरफ से की गई ये कार्रवाई अनुचित नहीं मानी जा सकती। उन्होंने ये भी बताया की भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से उनकी बातचीत हुई थी लेकिन वो सिर्फ उरी हमले से ही सम्बंधित थी। उन्होंने कहा, मैं आपको इसकी पुष्टि कर सकता हूं कि इस हफ्ते 27 सितंबर को अमेरिकी विदेश मंत्री ने भारतीय विदेश मंत्री सुषमा से बातचीत की थी और 18 सितंबर के उरी हमले की फिर से कड़ी निंदा की थी। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि दोनों देशों को संयम बरतते हुए संवाद की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। किर्बी ने बताया, हमने इस क्षेत्र में आतंकवाद से हो रहे खतरे के बारे में बार-बार चिंता जाहिर की है और हम सभी जानते हैं कि आतंकवाद की कोई सीमा रेखा नहीं होती है।
अमेरिका को पता था कि भारत करेगा हमला
पीओके में सर्जिकल ऑपरेशन के बाद अमेरिका में व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉश अर्नेस्ट ने बताया, 'वॉशिंगटन को सर्जिकल ऑपरेशन के बाद दिनभर के अपडेट की जानकारी थी, लेकिन हम चाहते हैं कि भारत के इस एक्शन के बाद दोनों पक्षों की सेना में बातचीत हो।' उन्होंने कहा कि दोनों तरफ से तनाव दूर करने के लिए पहल जरूरी है। इकोनॉमिक टाइम्स' की खबर के मुताबिक, सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में अमेरिका को पहले से जानकारी थी। गुरुवार को डीजीएमओ की प्रेस कॉन्फ्रेंस के काफी पहले अमेरिकी एनएसए सुजैन राइस ने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर भारत के एनएसए अजीत डोभाल को फोन किया था। डोभाल ने उन्हें सर्जिकल स्ट्राइक की पूरी जानकारी दी थी।