
देर रात मंदिर परिसर स्थित काली मंदिर में घंटी बजने लगी। इसके बाद लक्ष्मीनारायण मंदिर में भी घंटी बजने लगी। कुछ श्रद्धालुओं की मानें तो घंटी तेजी से हिल रही थी। बीच-बीच में आवाज कभी धीमी तो कभी तेज हो रही थी। मंदिर परिसर में दरवाजा के अलावा खिड़की भी नहीं है। लोग समझ नही पा रहे थे कि घंटी कैसे बज रही है। हालांकि, कुछ लोगों ने यह आशंका जाहिर की है कि किसी ने घंटी को हिला दिया हो। लेकिन, रह-रहकर एक मंदिर के बाद दूसरे मंदिर में घंटी का बजना कौतूहल का विषय बना हुआ है। मंदिर में आए एक पुजारी गुडडू बाबा ने कहा कि इस तरह घंटी भगवान के क्रोधित होने या उनके साक्षात मंदिर में आने के दौरान बजती है।
400 साल पुराना है मंदिर
विदित हो कि शोभ शिव मंदिर चार सौ साल पुराना मंदिर है। मंदिर परिसर में शिव मंदिर के अलावा लक्ष्मी गणेश मंदिर, मां काली, लक्ष्मी गणेश पार्वती, मां संतोषी और सूर्य मंदिर में घंटी बजती रही।