भोपाल। लखनऊ में पकड़ा गया आईएसआई ऐजेंट जमालुद्दीन अपनी पहचान छिपाने में माहिर था। भोपाल के होटल रेजीडेंसी में उसने 1 साल तक काम किया, लेकिन किसी को पता तक नहीं चला। उसके पास एक फर्जी पासपोर्ट भी मिला है जो रांची से 2008 में बनवाया गया एवं 2018 तक वैध है। वो नॉनवेज व्यंजन बनाने में माहिर है।
जमालुद्दीन तंदूर से जुड़े व्यंजन बनाता था। तंदूरी रोटी, तंदूरी चिकेन, तंदूरी मटन, चिकन टिक्का, पनीर टिक्का, तंदूरी कबाब सहित अन्य व्यंजन बनाने में वह एक्सपर्ट था। रांची में स्थित होटल कैपिटोल हिल के मालिक आशीष भाटिया ने बताया कि करीब 10 माह काम करने के दौरान जमालुद्दीन के संबंध में न तो किसी स्टाफ ने कभी कोई शिकायत की और न ही किसी अन्य स्तर से शिकायत पहुंची। कभी उसके द्वारा नशा किए जाने की बात भी नहीं सुनी।
जनवरी, 2012 में वह बिना किसी को सूचित किए होटल का काम छोड़कर चला गया था। जमालुद्दीन द्वारा दिए गए बायोडाटा में उसने उल्लेख किया है कि उसने 16 मई, 2000 से 15 अप्रैल, 2003 तक कोलकाता के होटल लिटन में काम किया। इसके बाद हैदराबाद के रामदा और मनोहर होटल में काम किया है। इसका अर्थ यह है कि वो भोपाल में 2012 के बाद आया। बताते चलें कि भोपाल पुलिस को फिलहाल इस बारे में यूपी पुलिस से कोई अधिकृत सूचना नहीं मिली है, इसलिए पुलिस ने अपने स्तर पर भी कोई छानबीन शुरू नहीं की है।