
सलाउद्दीन ने पाक पत्रकारों से कहा, "पाकिस्तान का यह फर्ज है कि कश्मीर में चल रही आजादी की जंग को वो नैतिक, राजनीतिक सहारा दे। अगर पाकिस्तान अपना समर्थन देता है तो दोनों मुल्कों में एटमी जंग हो सकती है। इतिहास गवाह है कि दोनों मुल्कों के बीच तीन जंग पहले ही हो चुकी है, जिनमें से दो तो कश्मीर के मसले पर ही हुए थे।"
हिजबुल मुखिया ने कहा कि मैं हिंदुस्तान-पाकिस्तान के बीच चौथी जंग होना तय देख रहा हूं। उसने कहा, "जंग होगी क्योंकि कश्मीरी किसी भी सूरत में समझौता नहीं करना चाहते हैं। बेशक दुनिया उसे माने या न माने, पाकिस्तान उनका साथ दे या न दे, संयुक्त राष्ट्र अपना फर्ज निभाए या न निभाए, कश्मीरी अपने खून के आखिरी कतरे तक ये जंग लड़ेंगे।
सलाउद्दीन ने कहा कि दोनों मुल्कों के बीच 1998 में एटमी इमदाद हासिल की, उसके बाद से दोनों मुल्कों में कोई बड़ी जंग नहीं लड़ी गई। उसने कहा कि अगर कश्मीर में चल रही हिंसा पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने अपना ध्यान नहीं दिया, तो दोनों तरफ के कश्मीरी सभी चीजें अपने हाथ में लेने को मजबूर हो जाएंगे।