
भोपाल के नर्मदा भवन, नवीन स्कूल, पनघट गार्डन और सरोजिनी नायडू स्कूल समेत सभी 66 ठहरने के स्थानों पर नाश्ता देने का एक फार्मेट तय था। यहां छात्रों को एक केला, एक छोटा बिस्किट का पैकेट और एक छोटा कप चाय दी गई। वितरित किए गए केले सड़े-गले थे, जिसे छात्रों ने खाने से मना कर दिया। सरोजिनी नायडू स्कूल में मच्छर थे, हालांकि यहां पंखे लगे हैं, लेकिन रात में पंखे चालू किए तो बच्चों को ठंड लगी, लेकिन चादर का इंतजाम नहीं था।
लाल परेड ग्राउंड पर जहां कार्यक्रम हुआ। वहां बच्चों को बैठने के लिए 3 डोम बनाए गए थे। दूर से सबकुछ लक्झरी लग रहा था लेकिन डोम से बाहर निकलते ही कीचड़ फैला हुआ था। प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए टॉपर्स में 8481 बालक व 7715 बालिकाएं थी। इन्हें 76 ठिकानों पर ठहराया गया। एक भी स्थान पर मच्छरों को भगाने के प्रबंध नहीं थे। कई जगह तो चादर तक नहीं थीं।