भोपाल। भारत की अर्थ व्यवस्था में एतिहासिक टर्न लाने वाले जीएसटी बिल के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने क्या क्या पापड़ नहीं बेले लेकिन मोदी के नाम पर मौज कर रहे मप्र के मंत्रियों को देखिए। उन्हें जीएसटी का फुलफार्म तक नहीं पता। इस लिस्ट में कई विधायक भी शामिल हैं और ये मप्र के वो गणमान्य लोग हैं जो प्रदेश की तकदीर लिखते हैं।
इस लिस्ट में कांग्रेस के विधायक भी शामिल हैं। जी हां, उसी कांग्रेस के जो जीएसटी का डटकर विरोध कर रही थी और फिर संशोधन कराकर जीत की मुस्कान बिखरे रही थी। कांग्रेसी विधायकों के नाम हैं हरदीप सिंह डंग, मनोज पटेल, निर्दलीय विधायक दिनेश राय, सतीष मालवीय। भाजपा के केवल 2 ही विधायकों ने सवाल का जवाब देने की कोशिश की, गलत ही सही। बाकी सारे यहां वहां हो लिए। जिन विधायकों ने गलत जवाब दिया वो हैं शंकर लाल तिवारी, प्रदीप लारिया।
मंत्रियों में अंतर सिंह आर्य, पारस जैन और ज्ञान सिंह कैमरे की पकड़ में आ पाए। तीनों को ही जीएसटी का फुलफार्म नहीं मालूम था। इनमें पारस जैन तो मप्र के शिक्षामंत्री रह चुके हैं। चलिए इनकी जानकारी के लिए हम यहां बता देते हैं, जीएसटी बिल का पूरा नाम है Goods and Services Tax Bill 'गुड्स एंड सर्विस टैक्स बिल' यह नया कानून है जो कई तरह के टैक्स को हटाकर लगाया जाए। मतलब यह कि जनता और व्यापारियों को तरह तरह के टैक्स वाले झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। याद रखिए, टैक्स के नाम याद रखने से मुक्ति मिल जाएगी। टैक्स तो उतना ही लगेगा जितना पहले लगता था। पहले एक एक रुपया करके 22 बार लगता था, अब सीधे एक ही बार मेें 25 लगेगा।