सागर। कोतवाली थाना क्षेत्र की सब्जी मंडी में डीपी पर चढ़कर लाइन सुधार रहे हेल्पर मो. अख्तर की करंट लगने से दर्दनाक मौत हो गई। हेल्पर करीब 2 मिनट तक बिजली के तारों से चिपका लटकता रहा। इस घटना से हेल्परों में खासा गुस्सा है। उनका आरोप है कि कंपनी में सीधी भर्ती नहीं की जा रही है। लाइनमेन का काम हेल्परों से किया जा रहा है। इससे ड्यूटी के दौरान ऐसे हादसे होने की आशंका बनी रहती है।
घटना दोपहर 1.30 बजे की है। मो. अख्तर और मुबीन खान दो अन्य कर्मचारियों के साथ सब्जी मंडी में सिंगल फेस बंद होने की शिकायत मिलने पर लाइन सुधारने गए थे। अख्तर डीपी पर चढ़कर फ्यूज तार बांधने लगा इस दौरान उसके हाथ लाइन से छू जाने से करंट का झटका लगते ही वह तारों से चिपक गया। करीब दो मिनट तक तारों से झूलता रहा। तारों पर चिपके कर्मचारी को देख लोगों की भीड़ जमा हो गई। सूचना मिलते की कार्यालय का स्टाफ मौके पर पहुंचा और शव को वाहन से जिला अस्पताल लेकर आया। जानकारी मिलते ही स्टाफ के लोग व उसके परिजन भी पहुंच गए थे।
एबी स्विच बंद, करंट कैसे लगा
अख्तर के साथी हेल्पर मुबीन खान का कहना है कि डीपी का एबी स्विच बंद कर अख्तर काम कर रहा था। लाइन में अचानक करंट सप्लाई होने से उसकी मौत हो गई। वह डीपी की एलटी लाइन पर काम कर रहा था। घटना के समय वह हाथ में दस्ताने पहने था या नहीं इसकी जानकारी उसे नहीं है। पोल या डीपी पर काम करते समय लाइनमेन या हेल्पर को हाथ में दस्ताने पहनना अनिवार्य होता है। ये दस्ताने उसे कंपनी की ओर से दिए जाते हैं।
पत्नी और दो बच्चों के गुजारे की चिंता
मृतक के भाई मो. अनवर ने बताया मेरे भाई को बिजली कंपनी में अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। वह नियमित कर्मचारी है। कंपनी की लापरवाही से उसकी मौत हुई। उससे लाइनमेन का काम लिया जा रहा था। अब उसकी पत्नी और दो बच्चों का गुजारा कैसे होगा। कंपनी उसकी पत्नी या बच्चे को अनुकंपा नियुक्ति दे या बच्चों को भरण पोषण भत्ता दे।
87 से नहीं हुई सीधी भर्ती
मप्र विद्युत मंडल में वर्ष 1987 से लाइनमेन के पदों पर सीधी भर्ती नहीं की गई। हेल्परों को प्रमोट कर उनसे काम कराया जा रहा है। जिन हेल्परों की सेवा 15 साल हो गई। उन्हें ग्रेड-3 से ग्रेड-2 के पद पर प्रमोट कर उन्हे डीपी व पोल पर चढ़कर काम करने के लिए अधिकृत किया गया है।
मो. अजीज खान,
मेंटनेंस प्रभारी, शहर संभाग, मप्र विद्युत वितरण कंपनी