अमझेरा/इंदौर। यहां एक गांव में करीब 30 हथियारबंद डाकुओं ने हमला कर दिया। उन्होंने 2 घरों में डकैती भी डाली, लेकिन तब तक ग्रामीण इकट्ठा हो गए और उन्होंने डाकुओं पर पथराव शुरू कर दिया। डाकुओं ने ग्रामीणों पर फायरिंग की। जिससे 5 ग्रामीण घायल हो गए लेकिन वो पीछे नहीं हटे। अंतत: डाकुओं को भागना ही पड़ा। इस मुकाबले में गांव की महिलाओं ने भी आगे आकर हिस्सा लिया। अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि यह कौन सा डाकू गिरोह है।
भोपावर के समीप मजरा सुल्तानपुरा के ग्रामीण बंशी धनसिंह डामर ने बताया बदमाशों ने रात 1.30 बजे सबसे पहले दो घरों नारायण गबरिया, मोहन नंदराम के घर में घुसकर लूटपाट की। परिवार के लोगों के साथ मारपीट कर मोहन के घर से एक किलो चांदी और नारायण के घर से गृहस्थी का सामान ले गए। मारपीट के दौरान शोर-शराबा होने से आसपास के रहवासी जागकर एक साथ बाहर आ गए। उन्होंने देखा घरों के बाहर पत्थरों के ढेर लगे थे। बड़ी संख्या में डकैत हाथ में फालिया, लट्ठ, बंदूक व तलवार लिए 30 से ज्यादा के समूह में खड़े थे।
ग्रामीण हिम्मत जुटाकर शोर मचाते हुए बदमाशों से आमने-सामने होने के लिए पथराव करते हुए आगे बढ़ने लगे तो बदमाश खेतों की ओर भागने लगे। करीब 200 मीटर की दूरी से बदमाशों ने भी दूसरी ओर से सोयाबीन के खेतों में छुपकर बंदूक से फायर करते हुए पत्थर चलाना शुरू कर दिया। जवाब में ग्रामीणों ने भी जमकर पत्थर चलाए। करीब आधे घंटे तक ग्रामीणों ने भी करारा जवाब दिया। ग्रामीणों को उग्र होता देख बदमाश खेतों से होते हुए भाग निकले। इस दौरान घरों से लूटी चांदी व सामान वहीं छोड़ दिया।
फायरिंग से दशरथ पिता रामा को आठ छर्रे पैर में लगे। सुरेश पिता बालू को हाथ व कमर में, रामसिंग पिता माना को हाथ-पांव में, मोतीलाल पिता कचरू को हाथ में, पवन पिता तुलसीदार को जांघ पर छर्रे लगने से घायल हो गए। सूचना के एक घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची। घायलों को सरदारपुर अस्पताल ले गए। जहां उनका उपचार किया गया।
तीन दिन से अंधेरा था सुल्तानपुरा मजरे में
ग्रामीणों के मुताबिक सुल्तानपुरा में पिछले तीन दिन से बिजली नहीं होने से गांव में अंधेरा था। अंधेरे का फायदा बदमाशों ने उठाया था। ग्रामीणों ने घटना के तुरंत बाद डायल 100 को सूचना दे दी थी। घटना के एक घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची। घटना से ग्रामीण दहशतजदा हैं। घटना के बाद 80-90 परिवारों के लोगों ने रातभर जागते रहे। जिस घर में वारदात हुई वहां के दो बच्चे सदमे में हैं। मौके पर एडीओपी गौरीशंकर चढ़ार, अमझेरा टीआई उम्मेदसिंह बौराना, सरदारपुर टीआई कुशलसिंह रावत, टांडा टीआई पुलिस बल के साथ पहुंचे। पुलिस ने सूचना के बाद गांव बलेड़ी, कैली, बड़ाेदिया आदि जगह नाकाबंदी भी की। जो सुबह छह बजे तक निरंतर चलती रही, लेकिन पुलिस को बदमाशों का कोई सुराग नहीं मिला।
महिलाओं ने भी बदमाशों पर चलाए पत्थर
बदमाशों की संख्या ज्यादा होने पर ग्रामीण महिलाओं ने भी पुरुषों के साथ पत्थर चलाकर ग्रामीणों का साथ दिया। क्षेत्र में महिलाओं द्वारा बदमाशों का सामना करने का मामला पहली बार देखने में आया है। एसपी ने ग्रामीणों के बीच चौपाल में महिलाओं के साहस व सराहनीय सहयोग की भी प्रशंसा की।