अहमदाबाद। गुरुवार गुजरात हाईकोर्ट (04/08/2016) ने राज्य में उच्चजाति के लोगों के लिए गुजरात सरकार के जरिए दिए गए 10 फीसदी आरक्षण पर हुई पीआईएल को लेकर अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आर्थिक आधार पर आरक्षण को असंवैधानिक बताया है।
संवैधानिक आरक्षण के हक का हनन नहीं
बता दें कि पीआईएल में कहा गया है कि सरकार के इस फैसले से समान नागरिक अधिकार का हनन होता है, जबकि राज्य सरकार कि ओर से कहा गया था कि आरक्षण देते वक्त सरकार ने किसी भी तरह कि संवैधानिक आरक्षण के हक का हनन नहीं किया है।
आरक्षण के लिए पाटीदारों ने छेड़ा था हिसंक आंदोलन
गौरतलब है कि आरक्षण की मांग को लेकर गुजरात में आंदोलन कर रहा पाटीदार समुदाय भी सामान्य वर्ग में आता है। सरकार के इस फैसले से उनको भी आरक्षण का लाभ मिलता है।