
आजम खान को लेकर राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि, मो. आजम खां सपा के वरिष्ठ नेता और कबीना मंत्री हैं। जिनका धर्मनिरपेक्ष चरित्र सर्वविदित है। धर्मनिरपेक्षता में उनका अटल विश्वास ही उनके विरोधियों को खलता है। इसलिए वे हमेशा सांप्रदायिक ताकतों के निशाने पर रहते हैं। इन ताकतों का काम धर्म के आधार पर समाज को बांटने और सामाजिक सौहार्द को चोट पहुंचाने का होता है।
सीएम की धर्मनिरपेक्ष राजनीति के ताकत हैं आजम
सपा के प्रदेश प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने आगे कहा कि, आजम खान ने चौधरी चरण सिंह और मुलायम सिंह यादव के साथ गांधी और डॉ. लोहिया के रास्ते पर चलते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की धर्मनिरपेक्ष राजनीति को ताकत दी हैं।
बुलंदशहर की घटना दुर्भाग्यपूर्ण
बुलंदशहर की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए चौधरी ने कहा कि, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने त्वरित कार्रवाई कर अपराधियों को गिरफ्तार कराया। भाजपा-आरएसएस के लोग इस घटना को भी राजनीतिक रंग देने से बाज नहीं आ रहे हैं। आजम खां के बयान को प्रसंग से हटकर पेश करते हुए सांप्रदायिक ताकतें पीड़ित परिवार की भावनाओं से भी खिलवाड़ कर रही है।
आजम पर हमला एक सोची-समझी साजिश
राजेन्द्र चौधरी का कहना है कि, भाजपा के नेताओं ने आजम के परिवार के बारे में आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग कर साबित कर दिया है कि उनका नैतिक स्तर क्या है। उन्होंने कहा कि आजम पर हमला यूं ही नहीं हुआ है, इसके पीछे एक सोची-समझी साजिश है। सांप्रदायिक लोग उत्तर प्रदेश में सद्भाव बिगाड़ने में सफल नहीं हो सके तो उन लोगों ने दिल्ली से लेकर लखनऊ तक आजम पर बेहूदा टिप्पणियां करनी शुरु कर दी है। भाजपा जैसे सांप्रदायिक दल से और उम्मीद भी क्या की जा सकती है। उत्तर प्रदेश गंगा-जमुनी सभ्यता का राज्य है। भाजपा ने अपने अनैतिक आचरण से इसे लांछित करने का काम किया है। लगता है भाजपा का संस्कारों से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है।
भाजपा की राह पर बसपा
कैबिनेट मंत्री चौधरी ने कहा कि भाजपा की लाइन पर ही बसपा अध्यक्ष भी चल रही है। उनकी एक ही रट है कि उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपतिराज हो। उनको अपना कार्यकाल याद करना चाहिए, जब थानों में बलात्कार होते थे, जेल में हत्यांए होती थी और हर काम में मोटे कमीशन की वसूली होती थी और जनता त्रस्त रहती थी।