
चौगाई के महादलित मुहल्ले में मुसहर बिरादरी के सौ परिवार रहते हैं। इनकी आबादी एक हजार के करीब है। आर्थिक व शैक्षणिक रूप से पिछड़े इन परिवारों के पांच सौ लोग पिछले चार माह के भीतर ईसाई धर्म अपना चुके हैं। अब यह मामला विवादों में आ गया है। कहा जा रहा है कि महादलितों को लालच और दवाब में ईसाई बनाया जा रहा है।
ईसाई धर्म स्वीकार करने वाले गांव के योगेंद्र मुसहर ने बताया कि मोहल्ले के सभी महादलित मोती मुसहर को नेता मानते हैं। पहले मोती ने ईसाई धर्म स्वीकार किया। नौवीं तक पढ़े मोती ने कहा कि कुछ साल पहले उसका परिवार बीमारी को लेकर परेशान था। ओझा-गुनी भूत-प्रेत का साया बता रहे थे। उससे किसी ने कहा कि पास के अरियांव गांव में कुछ ईसाई रविवार को आते हैं और प्रार्थना कराते हैं। इसके बाद सब कुछ ठीक हो जाता है। मोती का कहना है कि नया धर्म अपनाने पर उसे अंधविश्वास से छुटकारा मिला और परिवार में भी सबकुछ ठीक हो गया। इसके बाद वह कई महादलितों के धर्म परिवर्तन का माध्यम बना।
शुक्रवार और शनिवार को लगता है धर्मांतरण शिविर
ईसाई बने महादलितों में हीरालाल, कर्ण, नन्हकी देवी एवं फूलकुमारी देवी ने बताया कि प्रत्येक शुक्रवार एवं शनिवार को नावानगर प्रखंड के सोनवर्षा व रोहतास जिले से ईसाई धर्मगुरु यहां आते हैं। वे लोग अब इस धर्म को मान चुके हैं और बच्चों के शादी-विवाह भी इसी धर्म में करेंगे।