
पालदा रोड पर रहने वाले लोगों ने नया आरटीओ बनने के बाद अपने घरों के आसपास गुमटियां बनाई थीं और 3 से 4 हजार रुपए महीने पर एजेंटों को किराए पर दी थीं। 2 दिन पहले एक आरटीओ ऐजेंट ने आरटीओ क्लर्क को चांटा मार दिया था। इसी से गुस्साए उपायुक्त संजय सोनी, एसडीएम संदीप सोनी, श्रंगार श्रीवास्तव पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और एजेंटों से कहा कि 10 मिनट के भीतर गुमटियों के भीतर से सामान उठा लें, कार्रवाई करना है। एजेंटों ने गुमटी मालिकों को आगे कर दिया। उन्होंने अफसरों से सवाल किए। हमें नोटिस नहीं मिले हैं। आप कार्रवाई नहीं कर सकते। अफसरों ने कहा गुमटियां अवैध हैं। मालिकों ने नियमानुसार कार्रवाई की मांग की तो अफसरों ने जेसीबी चालक को गुमटियां तोड़ने के आदेश दे दिए। ज्यादातर गुमटियों के दस्तावेज और फर्नीचर भी गुमटियों में ही रहे और जेसीबी की चपेट में आ गए। कुछ आक्रोशित गुमटीधारी सड़क पर लेट कर चक्काजाम करने की कोशिश करने लगे तो पुलिस जवानों ने मोर्चा संभाला और उन्हें उठाकर पुलिस वाहन में पटक दिया। लाठीचार्ज भी किया गया।
एक घंटे में 25 से ज्यादा गुमटियां तोड़कर अफसर लौट गए। बाद में एजेंट गुमटियों के मलबे के बीच दस्तावेज खोजते रहे। रहवासियों का कहना था कि हमने 20-30 हजार रुपए खर्च कर गुमटियां बनवाई थीं। पहले महीने का किराया भी नहीं आया और अफसरों ने कार्रवाई कर दी।