असली सच: मोदी क्यों गूगल की टॉप 10 क्रिमिनल्स की लिस्ट में लगातार बने हुए हैं

उपदेश अवस्थी/भोपाल। सर्च इंजन गूगल इमेज में यदि आप top 10 criminals of world खोजेंगे तो आपको मोदी के फोटो दिखाई देंगे। यह मामला इससे पहले भी उठाया गया था। बवाल मचा तो गूगल ने माफी भी मांगी और वो फोटो हटा दिया जिसके कारण विवाद हुआ था, लेकिन अभी भी मोदी के फोटो इस सर्च में सामने आ रहे हैं। इसके चलते यूपी के इलाहाबाद सेशन कोर्ट में एक वाद भी दायर हो गया है और गूगल को नोटिस भेज दिया गया है। 

क्या है मामला 
दायर वाद में याचिकाकर्ता का कहना है कि 4 जून को गूगल ने टॉप टेन क्रिमिनल ऑफ वर्ल्ड की सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो डाल दी थी। इसी दिन गूगल ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर माफी मांग ली थी। गूगल संस्थापक लैरी पेज का माफीनामा भी गूगल के सर्च इंजन पर पड़ा हुआ है, लेकिन अभी तक गूगल ने प्रधानमंत्री की फोटो नहीं हटाई है। इससे देश-दुनिया में उनकी छवि धूमिल हो रही है।

कोर्ट ने क्या किया
अर्जी को स्वीकार करते हुए प्रभारी जज महताब अहमद ने गूगल सर्च इंजन मल्टीनेशनल कैलीफोर्निया के संस्थापक लैरी पेज, सीईओ सुंदर पिचाई, इंडिया हेड राजन आनंदन के खिलाफ नोटिस जारी किया। इससे पहले सुशील मिश्र ने सिविल लाइंस पुलिस को तहरीर दी थी। रिपोर्ट दर्ज न होने पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत में वाद दाखिल किया गया।

क्या गूगल कोई षडयंत्र कर रहा है
सवाल यह है कि क्या यह सारी फोटो जो गूगल इमेज में दिखाई दे रहीं हैं, गूगल के किसी षडयंत्र का हिस्सा है। यदि थोड़ी सी भी तकनीकी जानकारी रखने वाले व्यक्ति से पूछेंगे तो वह बताएगा नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं है। गूगल कोई षडयंत्र नहीं कर रहा और ना ही उसकी ओर से कोई गलती हो रही है। वो अपना काम ठीक प्रकार से कर रहा है और ना ही दुनिया में इससे मोदी की इमेज खराब हो रही है। बस कुछ लोगों को सही जानकारी नहीं है इसलिए उनकी भावनाएं आहत हो रहीं हैं। 

तो फिर मोदी की फोटो क्यों आ रहीं हैं
इसके लिए आपको सर्च इंजन गूगल इमेज की कार्यप्रणाली को समझना होगा। यह बहुत आसान है। गूगल पूरी तरह से कम्प्यूटराइज्ड सर्च इंजन है। इसमें शब्दों और शब्दों से संबंधित फोटो सर्च किए जा सकते हैं। दुनिया भर की करोड़ों बेवसाइट्स पर जो भी छपता है वो गूगल द्वारा मांगे जाने पर प्रदर्शित कर दिया जाता है। गूगल में काम करने वाला कोई भी व्यक्ति इसे नियंत्रित नहीं कर सकता। यह अपने आप होता है और लगातार बदलता रहता है। अब दुनिया भर की करोड़ों बेवसाइट्स के संचालक क्या छापते हैं, और क्यों छापते हैं, इसकी कानूनी जिम्मेदारी गूगल की तो नहीं हो सकती। 

मोदी के मामले में क्या हुआ 
शुरूआत में गुजरात दंगों के कारण दुनिया की कई बेवसाइट्स ने मोदी को क्रिमिनल लिखा। अपने लेख के साथ उन्होंने फोटो भी लगाए। कई बेवसाइट्स ने मोदी को क्रिमिनल्स को मदद करने वाला लिखा और उसमें भी मोदी के फोटो लगाए गए। नतीजा गूगल इमेज के रिजल्ट में आ गया। विवाद हुआ तो गूगल ने उन तमाम बेवसाइट्स को रिजल्ट से हटा दिया जिन पर आपत्ति दर्ज कराई गई थी। साथ ही माफी भी मांगी। 
इस दौरान लाखों बेवसाइट्स पर यह मामला प्रकाशित हुआ। उसमें भी 'top 10 criminals of world' वाक्य का उपयोग हुआ और मोदी की फोटो प्रकाशित की गई। चूंकि गूगल एक बिना मानवीय नियंत्रण एवं कम्प्यूटर द्वारा संचालित आॅटोमेटिक सर्च इंजन है अत: एक बार फिर नरेन्द्र मोदी की फोटो 'top 10 criminals of world' में दिखाई देने लगीं। जैसे इस पोस्ट में भी श्री नरेन्द्र मोदी की फोटो प्रकाशित की गई है। वो कीवर्ड भी उपलब्ध हैं, जिसको सर्च करने पर मोदी की फोटो आती है। अब आप सर्च करेंगे तो यह फोटो भी आपको दिखाई दे सकती है। इसमें बेचारा गूगल क्या करे और यह पोस्ट श्री नरेन्द्र मोदी को अपमानित करने के लिए भी नहीं है। 

परिणाम बदलने के लिए क्या करें
यदि आप चाहते हैं कि गूगल इमेज सर्च में 'top 10 criminals of world' लिखे जाने पर मोदी की फोटो दिखाई ना दे तो कृपया उन तमाम बेवसाइट्स से संपर्क कीजिए जिन्होंने यह फोटो प्रकाशित किए हैं। उनसे आग्रह कीजिए कि वो यह फोटो हटा दें। यदि आपको लगता है कि उन्होंने मोदी को अपमानित करने के लिए फोटो लगाई है तो उनके खिलाफ वाद दायर करें। गूगल तो बस वह भूमिका निभा रहा है जो आपके शहर में अखबार का हॉकर या आपका केवल टीवी संचालक निभाता है। अब यदि अखबार में किसी के खिलाफ कोई गलत खबर छपी है, या टीवी किसी के खिलाफ कोई गलत खबर चल रही है तो इसके लिए आप अपने अखबार के हॉकर या केवल टीवी संचालक को तो जेल नहीं भेज सकते ना। 

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