UP में RSS जैसी चुनावी जमावट कर रही है BSP

नईदिल्ली। आरएसएस मंचों से भले ही खुद को गैरराजनैतिक संगठन कहती रहे परंतु चुनावों में भाजपा के लिए पूरा संगठन आधिकारिक तौर पर दिनरात एक कर देता है। आरएसएस की कोशिश होती है कि हर 10 मतदाताओं के बीच उनका एक स्वयंसेवक मौजूद रहे। यही कारण रहा कि जहां जहां आरएसएस का आधार मजबूत था, भाजपा को थोकबंद वोट मिले। अब बसपा भी उसी की तर्ज पर काम कर रही है। यूपी में बसपा ने गली गली अपने कार्यकर्ताओं को तैनात कर दिया है। वो 24 घंटे वोटर्स के संपर्क में रहेंगे। कोई भी मुद्दा हो, मात्र 8 घंटे में यूपी के गांव गांव तक वायरल हो जाएगा, वो भी बिना स्मार्टफोन का उपयोग किए। 

2017 में यूपी में हर हाल में सत्ता के नारे के तहत बसपा अध्यक्ष मायावती ने नया दांव चला है। उन्होंने अपने मंडल कोर्डिनेटरों को विधानसभा क्षेत्र जिताने का जिम्मा सौंपा है। पार्टी ने बनाए अपने विक्ट्री प्लान के तहत संगठन  में  बदलाव किया है। एक एक जिले में कई कई मंडल कोर्डिनेटरों को लगा दिया है। बसपा ने अभी तक विधानसभा क्षेत्र अध्यक्षों को पूरी तरह क्षेत्र में लगा रखा था। उनके पर्यवेक्षण के लिए जिलाध्यक्ष को जिम्मा सौंप रखा था। उसके बाद कई जिलों की देखरेख मंडल अध्यक्ष करते थे। अब मायावती ने मंडल अध्यक्षों की तादाद बढ़ाकर एक एक जिले में कई कई को पर्यवेक्षण के लिए लगा दिया है। यानि एक मंडल कोर्डिनेटर को एक से दो विधानसत्रा क्षेत्र में ही रहकर काम करने को कहा है। पार्टी  की तरफ से ऐसा प्रयोग पहली बार किया गया है।

पार्टी का प्लान है कि हर विधानसभा क्षेत्र में मंडल कोर्र्डिनेटर, जिलाध्यक्ष, विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष, विधानसभा क्षेत्र प्रभारी (प्रत्याशी), सेक्टर कमेटी प्रभारी, बूथ कमेटी अध्यक्ष से राय मशविरा कर काम करेगा। हर माह जोनल कोर्डिनेटर विधानसभावार किए गए काम की समीक्षा करेगा। अगर पार्टी की नीति केमुताबिक तैयारी नहीं मिलती है या फिर मंडल कोर्डिटनेटर की सक्रियता कम मिलती है तब उसको पद से हटाया जाना तय है।

बसपा ने इसके अलावा अपने थिंकटैंक बामेसफ के लोगों को भी विधानसभा क्षेत्र स्तर पर लगाया है। पार्टी की सोच है कि हर दिन हर गांव में पार्टी से जुड़े व्यक्ति का संपर्क बना रहना चाहिए। पूरा संगठन इस बात पर ज्यादा जोर देगा कि पार्टी की नीतियों से प्रभावित कोई भी मर्द या औरत ऐेसा न रहे जिसकी वोट न बनी हो। संगठन पार्टी से जुड़े आम आदमी को सह भी समझाएगा कि वह चुनावी बातों को लेकर बहस न करें, विवाद और झगड़े से बचे। सिर्फ शांत रहकर मतदान वाले दिन वोट करें। 

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