
पेड़ काटने के बाद जंगल की कई बीघा जमीन में खेत बना दिए गए हैं। वन विभाग के अफसर न तो पेड़ों की कटाई रोक रहे हैं और ना ही उस जमीन में खेती के कार्य को। रामवाड़ी और बमूलिया गांव में वन विभाग ने 250 बीघा से ज्यादा जमीन पर 25 हजार पौधे लगाए थे। इन 25 हजार पौधों में से 2 हजार से ज्यादा पेड़ सागवान के थे। पौधरोपण साल 2007 में हुआ था। नौ साल में यह पौधे बढ़कर पेड़ बन गए और यह क्षेत्र जंगल की तरह हरा-भरा दिखने लगा।
लेकिन, जमीन पर भू-माफियाओं ने पेड़ों को साफ करने के लिए कुल्हाड़ी चलाना शुरू किया। एक साल पहले इस जमीन पर पेड़ खड़े थे, लेकिन अब 100 बीघा से ज्यादा जमीन में खड़े सागौन और नीम के हजारों पेड़ गायब हो गए हैं।
सोता रहा वन विभाग
जिस जमीन पर 25 हजार पेड़ लगे थे वह जमीन रामवाड़ी मिडिल स्कूल के पास से ही सटकर है। जमीन नहर के सड़क किनारे की है। यानी इस जगह की निगरानी आसानी से होती रहती है। एक साल में ही वन विभाग ने इस जमीन की देखरेख बंद कर दी और पेड़ कट गए। अब डीएफओ जांच की बात कर रहे हैं।