शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को 10 जून तक एप डाउनलोड करने अल्टीमेटम

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जबलपुर। नए सत्र में नए सिरे से लागू की जा रही 'एम-शिक्षा मित्र एप्लीकेशन' (ई-अटेण्डेंस) व्यवस्था के तहत यदि शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारियों ने मोबाइल से हाजिरी नहीं लगाई तो उनकी छुट्टियां और वेतन काट लिया जाएगा। दावा किया जा रहा है कि एप्लीकेशन में इस बार ये खासियत होगी कि जिन शिक्षकों की शिकायत दफ्तरों में धूल खाती रहती हैं वे शिक्षक यदि एम शिक्षा मित्र एप से शिकायत करेंगे तो न सिर्फ उनके शिकायतों की ऑनलाइन मॉनीटरिंग होगी बल्कि निपटारा भी तत्काल होगा।

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10 जून तक एप डाउनलोड करने अल्टीमेटम
आयुक्त लोकशिक्षण ने सभी डीईओ को जारी पत्र में नए शिक्षण सत्र से एम शिक्षा मित्र मोबाइल एप को अनिवार्य रूप से लागू कराने के निर्देश दिए हैं।
30 मई तक शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारियों के मोबाइल नम्बर अपटेड कर एजुकेशन पोर्टल में डाउन लोड करने और 10 जून तक सभी को एन्ड्राइड मोबाइल पर एप डाउनलोड करने अल्टीमेटम दिया गया है।

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एप में ये रहेगी खासियत
मोबाइल में नेटवर्क न मिलने पर भी यदि स्कूल, दफ्तर में दाखिल होकर हाजिरी लगाई तो नेटवर्क में आने के बाद भी उसी समय की हाजिरी दर्ज हो जाएगी जिस समय हाजिरी लगाई गई थी।
3 बार यदि निर्धारित कार्यालीन समय से देर से हाजिरी लगी तो 1 दिन की सीएल या मेडीकल लीव कट जाएगी। यदि सीएल, लीव नहीं बची तो फिर 1 दिन का वेतन कट जाएगा।
एम शिक्षा मित्र एप के जरिए शिक्षक, कर्मचारी पे-स्लिप लेने, अवकाश, शिकायत, एसएमएस, ट्रेनिंग, आदेश-निर्देश सहित शिक्षा विभाग से जुड़ी अन्य जानकारी ली जा सकेगी।
शिक्षक यदि कोई शिकायत करते हैं तो शिकायत जिस विभाग की होगी उस विभाग के आला अफसर उसे देख सकेंगे और उसका निपटारा भी कराएंगे।

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फेल रही व्यवस्था से लिया सबक
शिक्षा विभाग में कसावट लाने के मकसद से शिक्षा विभाग ने पिछले साल अक्टूबर 2015 से एम-शिक्षा मित्र एप्लीकेशन (मोबाइल एप) की शुरुआत की थी। शुरुआती दौर में व्यवस्था फेल रही।
नेटवर्क न मिलने पर हाजिरी न लगने,एप में दिए गए ऑपशन में गड़बड़ी व अन्य खामियों के चलते प्रदेश के करीब साढ़े 3 लाख शिक्षक, अध्यापक, अधिकारी-कर्मचारियों में से 50 हजार ने ही एप का इस्तेमाल किया
पुरानी गलतियों और गड़बड़ी से सबक लेते हुए विभाग ने एप के साफ्टवेयर में बदलाव कर इसे पहले से बेहतर बनाया है। एप को जहां नए वर्जन में लांच किया जा रहा है वहीं इसमें शिक्षकों से जुड़ी कई सेवाएं भी शामिल करने का दावा किया जा रहा है। अब तक 61 हजार लोगों ने एप को डाउन भी कर लिया है।

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एम शिक्षा मित्र एप को अपटेड किया गया है। ई-अटेण्डेंस के साफ्टवेयर में भी बदलाव किए गए हैं। शिक्षकों की शिकायतों का जल्द निराकरण हो इसके लिए भी एप को प्रभावी बनाया गया है। नए सत्र से एप व्यवस्था हर हाल में लागू की जा रही है।
सुनील जैन, स्टेट कोआर्डिनेटर,एम-शिक्षा मित्र
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