
टीम द्वारा गोदामों में संग्रहित चावल के स्टाक की गुणवत्ता परखने के लिये सेंपलिंग की है। यह उल्लेखनीय है कि भोपाल समाचार द्वारा इस सबंध में गत दिनों नान के द्वारा धान और चावल खरीदी में की गई कथित हेराफेरी के संबंध में समाचार प्रकाशित हुआ था।
भोपाल समाचार को जानकारी मिली थी कि तत्कालीन जिला प्रबंधक संजय सिंग के कार्याकाल के द्वारा घटिया चावल एवं धान की खरीदी में भारी अनियमिततायें की गई है तथा कुछ चहेते राईस मिलर्स को नियम विरूद्ध लाभ पहुचाया है। उनसें खरीदे गये चावल को गोदामों में संग्रहित किये बगैर सीधे ट्रकों के माध्यम से जिले के बाहर पहुंचा दिया।
निर्धारित मापदण्ड की तुलना में अत्याधिक ब्रोकन वाला अमानक चावल जो मण्डला जिले के बाहर भेजा गया था उन जिलों से रिजेक्ट होकर वापस मण्डला आने लगा है। इन विसंगतियों के चलते जहां एक ओर निगम को करोडों रूपये की क्षति पहुचाई गई है वहीं निगम के अधिकारी और चहेेते राईस मिलर्स मालामाल हो गये है। जांच दल के आने से राईस मिलर्स में हडंकम्प मच गया है।