मप्र में दवा घोटाला: दिग्विजय सिंह ने लिखा मोदी को खत

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भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग दवा और मेडिकल उपकरणों की खरीदी में लापरवाही बरत रहा है। उन्होंने पीएम को लिखे पत्र में कहा कि स्वास्थ्य जैसे प्रमुख विभाग में चल रही लापरवाही व निजी दवा कंपनियों को लाभ पहुंचाने के खेल को रोकने व स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों पर कार्रवाई करने की मांग की है। 

सिंह ने पत्र के साथ प्रधानमंत्री को ड्रग पॉलिसी 2009, कैग की रिपोर्ट्स, दवा व उपकरण खरीदी में हुई गड़बड़ियों को लेकर समय-समय पर उठे मुद्दे और आरटीआई में उजागर हुए तथ्यों की जानकारी व अमानक दवाओं की पूरी सूची भेजी है। 

  • पत्र में ये उठाए बिंदु
  • दवा नीति के मुताबिक हर बैच की दवाओं की जांच कराई जानी चाहिए, लेकिन 2011 से 2013 के बीच 28 करोड़ की दवाएं बिना जांच के ही मरीजों को बांंट दी गई। इस मामले में एक दर्जन से ज्यादा सीएमएचओ को नोटिस भी जारी हुआ था। 
  • इस खरीदी में करीब 60 लाख की दवाएं अमानक थी। यह बात फूड एंड ड्रग विभाग भोपाल ने उजागर भी की थी। 
  • स्थानीय स्तर पर खरीदी गई दवाओं की जांच भी सीएमएचओ और सिविल सर्जन ने नहीं की। लगभग दस लाख की दवाएं अमानक थी। 
  • प्रदेश में डेंगू रोकथाम पर इसलिए प्रभावी काम नहीं हो पाया क्योंकि विभाग ने घटिया क्वालिटी का लाखों लीटर पायरेथ्रम खरीदा था। यह बात भी प्रधान महालेखाकार ने अपनी रिपोर्ट में उजागर की थी। 
  • सरकार ने घटिया क्वालिटी के आयोडीन लोशन व जिंक सल्फेंट टेबलेट भी बांटी।
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