
संविदा नहीं बढ़ाये जाने पर सभी कर्मचारियों ने अपना धर्म परिवर्तन करने का निर्णय लिया। संविदा वृद्वि नहीं किये जाने से सभी कर्मचारी और उनके परिवार सड़कों पर आ गये हैं। गौरतलब है कि आईटीआई की तरह कौशल विकास केन्द्रों में हजारों युवाओं को रोजगार का उन्मुखी प्रशिक्षण देकर उनको अपने पैरों पर खड़ा करने वाले प्रशिक्षक, प्रबंधक, लेखापाल आदि कर्मचारी विगत पांच वर्षो से संविदा पर कार्य कर रहे हैं । प्रथम नियुक्ति दो वर्ष के लिए की गई थी ।
उसके बाद तकनीकी शिक्षा विभाग प्रतिवर्ष उनकी संविदा बढ़ाता रहा है । लेकिन अचानक विभाग ने संविदा नहीं बढ़ाने का निर्णय लेते हुये फिर से संविदा पर नई भर्ती करने का निर्णय ले लिया जिसमें नये लोगों को रखा जायेगा। जिससे निकाले गये एक हजार संविदा कर्मचारियों में आक्रोश है । सरकार की उदासीनता ओर हिटलर शाही के विरोध में 30 मई सोमवार से राजधानी के नीलम पार्क में संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के तत्वाधान में अनिश्चित कालीन धरना प्रारंभ कर दिया है।