
यह बड़ी कार्रवाई डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (डीआरआई) इंदौर के दल ने की है. इस संबंध में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इस ड्रग की कीमत 48 करोड़ रुपये बताई गई है।
डीआरआई सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, धार जिले के औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर में एक बंद पड़ी फैक्ट्री में निजी लैब चलाई जा रही थी। यहां मंगलवार को दबिश में 200 किलो ग्राम एफ्रेडीन बरामद की गई. इसके अलावा इंदौर के राउ क्षेत्र में स्थित सिलीकॉन सिटी में दबिश में 36 किलोग्राम एफ्रेडीन मिली. इस मामले में तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। बताया गया कि पीथमपुर से ड्रग के 12 ड्रम मिले हैं. वहीं सिलीकॉन सिटी में ड्रग पाउडर के रूप में मिली है. इस ड्रग का उपयोग अस्थमा और फेफड़े से जुड़ी बीमारियों के इलाज में किया जाता है. इसे सीमित मात्रा में सिरप और दवा में मिलाया जाता है।
वहीं, इसका उपयोग वजन कम करने के लिए और तमाम खिलाड़ी अपना प्रदर्शन सुधारने के लिए भी अवैध रूप से करते हैं. इसका उपयोग युवा रेव पार्टी आदि में नशे के लिए भी करते हैं. इस नशीली दवा की आपूर्ति अवैध तरीके से मुख्य रूप से थाईलैंड और दक्षिण पूर्वी एशिया में की जाती है.