
सूत्रों की माने तो नये संगठन मंत्री का भाजपा में पैठ रखने वाले भगवत शरण माथुर से भी अच्छे संबंध बताये जाते हैं। अगर यह सच है तो भाजपा की डूबती नैया पार लगाना अब संभव नहीं हो सकेगा। चूकि श्री माथुर के अनुयायी ऐसे बहुत से लोग हैं जो सिर्फ नेतागिरी करना जानते हैं। विकास और जनता से कोसो दूर हैं। ऐसे नेताओं को अगर इनका संरक्षण प्राप्त होगा तो जिले में भाजपा की स्थिति में सुधार संभव नहीं है।
विगत कई वर्षों से जिले के भाजपा नेता श्री मेनन के आदेशानुसार कार्य करते रहे। जिले में कई ऐसे भाजपा के पदाधिकारी हैं जो मेनन जी के शिवाय भाजपा एवं संघ के निर्देशों का शत प्रतिशत अवमानना करते रहे। ऐसे सफेदपोश नेताओं का राजनैतिक कैरियर चौपट होते दिख रहा है।