
यह जानकारी अध्यापक संविदा संयुक्त मोर्चा के प्रांताध्यक्ष बृजेश शर्मा ने आज शनिवार को एक पत्रकार वार्ता में दी। बृजेश शर्मा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर अध्यापक संवर्ग के शिक्षा विभाग में संविलियन न कर शिक्षा विभाग को समाप्त करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अप्रैल 2016 से छठवे वेतनमान के नगद भुगतान के कैबिनेट निर्णय का पालन नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि सेवा के बीस वर्ष बाद भी बीमा पॉलिसी, स्वैच्छिक स्थानांनतरण नीति, वरिष्ठ अध्यापकों की पदोन्नति, मेडिकल क्लेम, पेंशन आदि सुविधाओं से अध्याक अभी तक वंचित हैं।
बृजेश शर्मा का कहना है कि अंशदायी फंड कटौती में अरबों का घोटाला, नियम विरुद्ध क्रमोन्नत वेतनमान, अनुकंपा नियुक्ति में सीधी भर्ती नियम आदि अनेकों समस्यओं का हल अभी तक नहीं हो पाया है।
अध्यापक संयुक्त मोर्चा के संयोजक मनोहर दुबे ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा 22 जुलाई 2013 को महाकाल के दरबार उज्जैन में अध्यापक संवर्ग को ‘समान कार्य समान वेतन’ देने की घोषणा का आज तक पालन नहीं हुआ। शासन की वादा खिलाफी ने अध्यापको को एक बार फिर से सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया है।
अध्यापक संयुक्त मोर्चा के सह संयोजक राकेश नायक ने कहा कि पांच जनवरी 2016 को मंत्री परिषद ने छठवे वेतनमान का लाभ एक सितंबर 2017 के बजाए एक जनवरी 2016 से दिए जाने का निर्णय लिया है, इसलिए वेतनमान का निर्धारण चार सितंबर 2013 के आदेश अनुसार अंतरिम राहत राशि मिलने के समय यानि सितंबर 2013 से किया जाना चाहिए।
अध्यपाक संयुक्त मोर्चा के प्रांताध्यक्ष बृजेश शर्मा विभाग के अधिकारियों ने संक्षेपिक में ही अंतरित राहत राशि का समायोज पुनरीक्षित वेतनमान के एरियर्स से न कर एक जनवरी 2016 से वेतनमान का निर्धारण कर उसमें से अंतरित राहत राशि की किश्तो की वसूली करने की तैयारी कर ली है। इस विसंगति को संशोधित कर शीघ्र आदेश जारी करने, वरिष्ठ अध्यापक के लिए 10,230 रुपए एवं सहायक अध्यापक के लिए 7,440 से गणना करने की पुन: मां की जाएगी।
उक्त समस्याओं के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात करने का कई बार प्रयास किए गए, लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा अभी तक समय नहीं दिया गया। बृजेश शर्मा का कहना है कि जब आंदोलन किया जाता है तो मुख्यमंत्री कहते है कि पहले आंदोलन समाप्त करो फिर मांगों को पूरा किया जाएगा। बृजेश शर्मा का कहना है कि यदि एक मई तक सरकार की ओर से सकारात्मक पहल नहीं की गई तो आंदोलन को और आगे बढ़ाया जाएगा।