
पहले कई ट्रेनें इस मार्ग पर चलती थी। हालांकि 10 साल पहले यह रेल मार्ग बंद हो गया था क्योंकि इसे फायर-प्रोन क्षेत्र घोषित कर दिया गया था। इसके बाद स्टेशंस पर मार्ग में कई डकैतियां हुई। ना तो रेलवे अधिकारियों ने ना ही अन्य अधिकारियों ने सुरक्षा को लेकर कुछ सोचा। कुछ ही समय में, स्टेशन पूर तह से लूट लिया गया था। करोड़ो रुपए की चीजें बहुत ही चतुराई से लूट ली गई।
कुछ लोगों ने सिग्नल लाइट्स, पोल्स और अन्य महंगे उपकरण बेच दिए। एक मोटा अनुमान यह है कि इन चीजों की कीमत करीब 50 करोड़ रुपए थी। वर्तमान में स्टेशन पूरी तरह से सुनसान है।