भोपाल। मप्र विधानसभा के 50 फीसदी विधायक डायबिटिक हैं। हाल ही में विधानसभा में कराए गए विधायकों के स्वास्थ्य परीक्षण में यह खुलासा हुआ है। अब सवाल यह उठ रहा है कि विधायकों को तनाव किस बात का है। चुनाव वो जीत चुके हैं और जनता का खयाल कौन कितना रखता है, सब जानते हैं। तो क्या यह तनाव संगठन की ओर से आ रहा है। या कोई दूसरे किस्म का तनाव है। जितना लगाया था, उसका 10 गुना निकालना है। इसी तनाव में घुले जा रहे हैं माननीय।
कांग्रेस विधायक महेंद्रसिंह कालूखेड़ा कहते हैं कि विधायकों का काम चुनौती भरा तो है, वह भी ऐसी स्थिति में जब अफसर विधायकों के पत्रों का जवाब नहीं देते। जबकि विधायक को तो सीधा जनता को जवाब देना होता है। ऐसे में तनाव तो रहता है। ऐसे में विधायकों के स्वास्थ्य का सीरियस परीक्षण होना चाहिए। विधानसभा में तो फौरी तौर पर जांच की गई थी।