
देश में अपनी तरह के इस अनूठे फर्जीवाड़े में काली कमाई को बोगस कंपनियों व फर्जी खातों में घुमाकर नंबर एक में बदला जा रहा था। बैंकों की सांठगांठ भी मिली है, कालेधन के बदले ये कारोबारी देश के किसी भी शहर में चैक जारी कर देते थे। आयकर ने सभी राज्यों को अलर्ट जारी कर छानबीन शुरू कर दी है।
आयकर इन्वेस्टीगेशन विंग को खुफिया सूत्रों से लगातार सूचनाएं मिल रही थीं कि जबलपुर और कटनी के कुछ व्यापारी बिना किसी उद्योग-धंधों के अपनी कंपनियों के जरिए अरबों रुपए लेनदेन कर रहे हैं। जांच अफसरों ने जब जांच-पड़ताल की तो पता चला ये लोग नकद रुपए के बदले किसी भी शहर में मौजूद कंपनी के नाम पर चैक जारी कर देते हैं।
एक लाख पर 150 से 200 रुपए कमीशन लेकर रोज ही करोड़ों का लेनदेन चल रहा था। कई वर्षों से यह सिलसिला जारी था, व्यापारियों कटनी-जबलपुर एवं आसपास के शहरों तक से लोग इनके पास आते थे। ज्यादातर साइकल और कपड़े के व्यापारी हवाला के जरिए ब्लैक मनी का भुगतान करते थे।
घर में ही खुलवा लिया बैंक...
पिछले पांच-छह साल से हवाला कारोबार में जुटे इन रैकेटियर्स के हौसलों का अनुमान इसी से लगता है कि उन्होंने कटनी स्थित अपने मकान में आईडीबीआई बैंक की शाखा ही खुलवा ली। नकद रुपए लेकर ये लोग देश के किसी कौने में भुगतान का चैक भिजवा देते थे। ऐसा कोई राज्य नहीं था जहां उनका नेटवर्क न फैला हो। आयकर विभाग ने कटनी के हवाला कारोबारी नरेश पोद्दार और मनीष रस्तोगी से जुड़े करीब 200 से अधिक व्यापारियों को जांच-पड़ताल के दायरे में लिया है। अन्य राज्यों के हजारों लोग जांच के दायरे में आएंगे। इन सभी से पिछले छह साल के खाते-बही और आयकर रिटर्न का ब्यौरा तलब किया गया है।
ऐसे चल रहा था गोरखधंधा
किसी व्यापारी को यदि काली कमाई के 10 लाख रुपए कर्नाटक भेजना है तो वह तयशुदा कमीशन देकर संबंधित व्यापारी के नाम पर चैक ले लेता था। हवाला कारोबारी अपनी दो-तीन बोगस कंपनियों में यह राशि घुमाकर चौथी कंपनी के नाम से दूसरे स्टेट के संबंधित व्यापारी के नाम चैक दे देता था। ये बैंक खाते इनके नौकरों, माली और ड्राइवरों के नाम पर चल रहे थे। इस काम में बैंक अफसरों की सांठगांठ भी सामने आई है। उन्होंने कभी इस पर आपत्ति नहीं की। घोटाले में हजारों बैंक खातों का पता चला है। विभाग को आश्चर्य इस बात का है ज्यादातर मामलों में एक्सेस, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई एवं आईडीबीआई बैंकों की भूमिका सामने आई है। अब बैंक अफसरों से पूछताछ की तैयारी की गई है।
विदेशी कनेक्शन की खोज
जांच अफसर इस हवाला कारोबार में विदेशी कनेक्शन भी तलाश रहे हैं। फिलहाल अभी ऐसा सुराग नहीं मिला है, इसलिए अब तक मामला प्रवर्तन निदेशालय के दायरे में नहीं आया। इसमें ज्यादातर मध्यमवर्गीय व्यापारी हवाला व कालेधन की इस समानांतर बैंक सेवा का लाभ उठा रहे थे। ज्यादातर पैमेंट पंजाब, हरियाणा, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक राज्य के शहरों में हुए। अन्य राज्यों में भी करोड़ों रुपए का कालाधन भेजा गया है। मामले की पूरी रिपोर्ट सीबीडीटी को भेजी गई है। इस कार्रवाई से देश के भीतर का कालाधन बाहर निकलेगा।
- श्री राजीव सोनी, नईदुनिया भोपाल के पत्रकार हैं।