मप्र की प्राइवेट यूनिवर्सिटी के नाम पर आंध्रप्रदेश में फर्जीवाड़ा

राहुल शर्मा/भोपाल। प्रदेश में संचालित हो रहे निजी विश्वविद्यालयों के नाम पर देश के दूसरे राज्यों में जमकर फर्जीवाड़ा चल रहा है। इसकी जानकारी न तो यूनिवर्सिटी को है और न ही संबंधित राज्य के शिक्षा विभाग को। उच्च शिक्षा विभाग में ऐसी ही एक धांधली को निजी विवि विनियामक आयोग ने पकड़ा है, जिसमें मध्यप्रदेश के दो निजी विश्वविद्यालयों से आंध्रप्रदेश के करीब 20 कॉलेजों को संबद्ध (एफिलेटेड) बताया गया है।

प्रदेश में संचालित हो रहे निजी विश्वविद्यालय दूसरे राज्यों के कॉलेजों को संबद्धता दे ही नहीं सकते। हाल ही में आयोग को जानकारी मिली कि AISECT UNIVERSITY, BHOPAL और AMITY UNIVERSITY, GWALIOR ने आंध्रप्रदेश के कुछ कॉलेजों को संबद्धता दे रखी है। जिसकी जानकारी एक वेबसाइट दी गई है। जब इस वेबसाइट को खोलकर देखा गया तो यह तथ्य सामने आया कि आईसेक्ट यूनिवर्सिटी ने ANDHRA PRADESH के VSK DEGREE COLLEGE BHIMAVARAM, SANT ANTHONY DEGREE COLLEGE, EDLAPADU , SHRI HARSHINI DEGREE COLLEGE, ONGOLE आदि को संबद्धता दी है। वहीं एमिटी यूनिवर्सिटी ने आंध्रप्रदेश के SHRI PRATIBHA DEGREE COLLEGE, VIZIANAGARAM, SHRI ADI NARAYANA DEGREE COLLEGE, ANAKAPALLE आदि को संबद्धता दी है।

यूनिवर्सिटी से पूछताछ की
दूसरे प्रदेश के कॉलेजों को संबद्धता देने की बात सामने आने के बाद निजी विवि विनियामक आयोग ने आईसेक्ट और एमिटी यूनिवर्सिटी से इस संबंध में चर्चा की। दोनों ही विवि के प्रबंधन का कहना है कि उन्होंने न तो किसी भी कॉलेज को संबद्धता दी है और न ही उन्हें इस बात की जानकारी है। आयोग ने भी अपने स्तर पर इस तथ्य की पड़ताल की है।

संबद्धता दिखाकर छात्रों को किया जाता है भ्रमित
आयोग के अधिकारियों ने बताया कि यह तथ्य सामने आया कि वेबसाइट पर निजी विवि से संबद्धता दिखाकर छात्रों को भ्रमित किया जाता है और उनसे रकम वसूली जाती है, जबकि सही मायनों में इन कॉलेजों की संबद्धता है ही नहीं। उन्होंने कहा कि यह अपराध की श्रेणी में आता है।

उच्च शिक्षा सचिव को लिखा पत्र
निजी विवि विनियामक आयोग ने आंध्रप्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग के सचिव और अन्य अधिकारियों को इस संबंध में पत्र लिखा है कि किस प्रकार उनके प्रदेश के कॉलेज मध्यप्रदेश के निजी विवि से फर्जी संबद्धता लेकर छात्रों के साथ धोखा कर रहे हैं। वे इस पर रोक लगाएं और संबंधित कॉलेजों से भी बात करें। कहीं ऐसा तो नहीं कि कोई रैकेट इसमें सक्रिय हो और छात्रों को ठगा जा रहा हो।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!