पुलिस ने चाय पिलाई तो पब्लिक ने थाना चमका दिया

भोपाल। अक्सर पुलिस और राजनीति के भ्रष्ट मोहरे दलीलें देते हैं कि समाज का जैसा इनपुट होगा हमारी ओर से वैसा ही आउटपुट आएगा, लेकिन असल में बात उल्टी होती है। पुलिस, प्रशासन और नेता समाज को जिस तरह का व्यवहार देते हैं, समाज वैसा ही व्यवहार इनको वापस लौटाता है। इसका जीता जागता सबूत है भोपाल का मिसरोद थाना। यहां पासपोर्ट वेरीफिकेशन कराने आए दंपत्ति से पुलिस ने रिश्वत नहीं मांगी, अच्छा व्यवहार किया तो दंपत्ति ने 5 लाख रुपए खर्च कर थाने का कायाकल्प ही कर डाला। अब इस थाने में चमचमाती दीवारें, साफ टायलेट से लेकर बेहतरीन कम्प्यूटर तक सबकुछ है। 

पासपोर्ट के लिए कराना था पुलिस वेरिफिकेशन
सेवाय सावन, मिसरोद निवासी 45 वर्षीय अनुराग श्रीवास्तव की एक साफ्टवेयर कंपनी हैं। उनकी पत्नी सोनल करीब 3 महीने पहले पासपोर्ट बनवाने के लिए अनुराग के साथ मिसरोद थाने वेरीफिकेशन के लिए गई थी। यहां उनकी मुलाकात आरक्षक रतन मेहरा से हुई। आरक्षक द्वारा आने का कारण पूछने पर सोनल ने बताया कि उनके पासपोर्ट का वेरीफिकेशन होना है। रतन ने फाइल निकलते हुए दंपती को पानी और चाया पिलवाई। रतन के व्यवहार से अनुराग और सोनल इतने खुश हुए कि उन्होंने थाने की हालत ठीक करने के लिए अपने योगदान की इच्छा जताई। रिनोवेशन से पहले थाने में जगह-जगह दीवारें दरक चुकी थी, जबकि बैठने के लिए कुर्सी तक नहीं थी। दंपती ने इसके बाद पूरे थाने की मरम्मत के साथ उसमें नया पेंट, वाटर कूलर और कम्प्यूटर के अलावा फर्नीचर अपने खर्चे पर उपलब्ध कराया।

5 लाख का कराया काम
बदहाल थाने में बैठे पुलिसकर्मियों को काम करते देख दंपती थाने की व्यवस्था ठीक करने की इच्छा जताई थी। थाने में शौचल तक की व्यवस्था नहीं थी। ऐसे में उन्होंने करीब पांच लाख रुपए से उन्होंने कंप्यूटर, फर्नीचर, वाटर कूलर, शौचालय, फर्स और पूरे थाने को पेंट कराया।

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