
एसआर मोहंती अपने अहंकार के आगे ऐसे अंधे हुए जा रहे हैं कि उन्हें मासूमों का दर्द समझ ही नहीं आ रहा। वो तो बस यह देख रहे हैं कि एडीएम बीएस जामोद की हिम्मत कैसे हो गई जो उन्होंने प्राइवेट स्कूलों की छुट्टियां घोषित कर दीं। अब मोहंती बाबू एडीएम का तो कुछ बिगाड़ नहीं पा रहे सो बच्चों पर खीच निकाल रहे हैं। छुट्टी का आदेश रद्द किए बैठे हैं।
अजीब तो यह है कि राज्य शिक्षा मंत्री दीपक जोशी से लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह तक के संज्ञान में यह बेवकूफी भरा विवाद है लेकिन कोई भी इन मासूमों की समस्या सुलझाने की पहल नहीं कर रहा है। रही बात शिक्षामंत्री की तो वो वैसे भी बच्चों का ध्यान नहीं रखते। उनका पूरा फोकस अधिकारियों को सस्पेंड करने और फिर उन्हें उसी कुर्सी पर बहाल कर देने में रहता है। समझ नहीं आ रहा, कर्ताधर्ता किस इंतहा का इंतजार कर रहे हैं, क्या किसी अनहोनी के बाद जागेंगे या गुस्साए पेरेंट्स को खुद निकलना पड़ेगा सड़कों पर, इनके अहंकार को चकनाचूर करने के लिए।