
याचिकाकर्ता के वकील भंवर सिंह भदौरिया ने बताया कि चंबल नदी में हो रहे उत्खनन को लेकर हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में 4 जनहित याचिकायें पेश की गईं थीं। कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी नदी से उत्खनन नहीं रुका है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में माफिया ने वन रक्षक नरेंद्र शर्मा की हत्या कर दी थी। इसके बावजूद शासन उत्खनन रोकने में नाकाम रहा है। इस नदी में दुर्लभ जलीय जीव हैं, जिनका जीवन इससे संकट में पड़ गया है।
इस दौरान कोर्ट में दो आवेदन पेश किए गए थे जिनका जवाब सरकार को देना था, लेकिन दो साल बीत गए हैं। सरकार ने अब तक जवाब नहीं दिया है। सुनवाई में कोर्ट ने इसे गंभीर मुद्दा बताते हुए कहा कि सरकार को एक हफ्ते में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं। अगर जवाब नहीं आता है, तो 5 अप्रैल को होने वाली सुनवाई के दौरान संबंधित अधिकारियों को मौजूद रहने को कहा गया है।