
1.म.प्र.शासकीय अध्यापक संगठन
2.संविदा सह अध्यापक संघ
3.अध्यापक कांग्रेस
4.आम अध्यापक संघ
5.व्यायाम अध्यापक संघ
मप्र शासकीय अध्यापक संघ से ब्रजेश शर्मा के साथ पूरी प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य ,संविदा सह अध्यापक संघ से मनोहर दुबे के साथ उनकी प्रांतीय टीम,अध्यापक कांग्रेस से राकेश नायक पूरी टीम के साथ,आम अध्यापक संघ से सुबोध झारिया, मुस्ताक खान उनकी प्रांतीय टीम,एवं व्यायाम अध्यापक संघ से मुकुंद शर्मा उनके साथियों के साथ उपस्थित थे।
सभी उपस्थित अध्यापकों की सहमति से अध्यापक संयुक्त मोर्चा का गठन किया गया। सर्व सम्मति से ब्रजेश शर्मा को अध्यापक संयुक्त मोर्चे का प्रांताध्यक्ष बनाया गया। संयोजक मनोहर प्रसाद दुबे को बनाया गया। उप सह संयोजक राकेश नायक एवं विश्वेशर झारिया को बनाया गया।निर्णय लिया गया कि अब सभी कार्य संयुक्त मोर्चे के बैनर तले ही होगा। इसका विस्तार ब्लाक स्तर तक किया जावेगा। यह भी निर्णय लिया गया कि अध्यापक हित की सारी मांगों का निराकरण भी अब संयुक्त मोर्चे के बैनर तले ही कराया जावेगा।
अध्यापक संवर्ग की मुख्य समस्याव को हल कराने का लक्ष्य संयुक्त मोर्चे का रहेगा।
1.विसंगति रहित गणना पत्रक जारी करवाना।
2. विसंगति रहने पर जारी होने के ठीक पांचवे दिन संयुक्त मोर्चे के बैनर तले आंदोलन।
3.अध्यापक संवर्ग का शिक्षा विभाग में संविलियन
4.a.e.o की नियुक्ति शीघ्र कराना
5.स्थानांतरण नीति शीघ्र लागु करवाना
6.व्ययाम शिक्षकों की विसंगति दूर कराना
7.अध्यापकों का बीमा कराना
8.अनुकंपा न्युक्ति नियमों में संशोधन कराना
साथियों अध्यापक हित सर्वोपरि है ।अध्यापक हित के लिए हम सब एक हुए हैं। अध्यापक की अंतिम लड़ाई तक संयुक्त मोर्चा साथ रहेगा। अन्य सभी संगठन अगर संयुक्त मोर्चे में शामिल होते है ।तो उनका स्वागत है मोर्चे के घटक दल के रूप में सभी संगठनो को सम्मान के शामिल किया जावेगा। साथियों ब्रजेश शर्मा की यह पहल ने अब मूर्त रूप के लिया है। अध्यापक संयुक्त मोर्चे का गठन अध्यापक इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा। निश्चित ही संयुक्त मोर्चा अब इतिहास रचेगा। अध्यापक संयुक्त मोर्चा जिंदाबाद
अशोक कुमार देवराले
सदस्य
अध्यापक संयुक्त मोर्चा