
नरसिंहपुर निवासी संविदा स्वास्थ्य कर्मी अरविंद गोंड का एक्सीडेंट 28 फरवरी को गोटेगांव के पास हो गया था। गंभीर चोटों के कारण अरविंद को स्वास्तिक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लगातार 17 दिन भर्ती रहने के बाद मंगलवार की दोपहर डॉक्टरों ने अरविंद को मृत घोषित कर दिया और परिजनों को डेढ़ लाख रुपए अस्पताल का बिल चुकाने के लिए कहा।
अरविंद के परिजनों ने ये आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया कि अरविंद की मौत तीन दिन पहले ही हो चुकी थी लेकिन अस्पताल वाले बिल बढ़ाने के लिए उसे वेंटीलेटर पर रखे हुए थे। डेढ़ लाख का बिल न चुकाने पर अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों को लाश देने से मना कर दिया। गहमागहमी के बीच काफी संख्या में स्वास्थ्य कर्मी पहुंच गए और अरविंद का शव अस्पताल से बाहर ले आए। जिसके कारण तनाव की स्थिति निर्मित हो गई। इसी बीच पुलिस पहुंच गई और फिर शव को पीएम के लिए भिजवाया गया।