
शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने रास में विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह विधेयक रियल इस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता लाने व ग्राहकों के हितों के संरक्षण में मदद करेगा। कांग्रेस के सहयोग से विधेयक ध्वनि मत से पारित हो गया।
कालेधन पर रोक लगेगी
70 फीसदी पैसा चेक से
रियल इस्टेट में बेनामी व कालेधन पर रोक लगेगी।
अब 70 फीसदी राशि चेक से बैंक में जमा कराना होगी।
धर्म, जाति, नस्ल व लिंग के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जा सकेगा।
सारी मंजूरी के लिए एकल खिड़की होगी।
खरीददारों से प्राप्त 70 फीसदी राशि बिल्डरों को अलग खाते में जमा कराना होगी, जिससे निर्माण व जमीन की लागत अदा की जा सकेगी।
राज्य स्तरीय रियल इस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) बनेंगे।
रेरा रहवासी व व्यावसायिक प्रोजेक्टों के लेन-देन, समय पर निर्माण व सौंपने के काम की निगरानी करेंगे।
अपील ट्रिब्यूनलों को 60 दिन में केसों का निपटारा करना होगा।
हर साल 10 लाख खरीदते हैं मकान
देश में हर साल 10 लाख लोग मकान खरीदते हैं।
इसमें सालाना 3.5 लाख करोड़ का निवेश होता है।
15 राजधानियों समेत 27 बड़े शहरों में 2011 से 2015 के बीच हर साल 2349 से 4488 नए हाउसिंग प्रोजेक्ट लॉन्च किए गए।
सारे प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन जरूरी
विधेयक में रियल इस्टेट क्षेत्र के सारे प्रोजेक्टों का हर राज्य में बनने वाले नियामक प्राधिकरण में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसमें प्रोजेक्ट के प्रमोटर, प्रोजेक्ट, ले-आउट प्लान, जमीन की जानकारी, मंजूरियों की जानकारी, एग्रीमेंट, एजेंट, कांट्रेक्टर, आर्किटेक्ट, स्ट्रक्चरल इंजीनियर्स आदि की जानकारी देना होगी।
बिल से रियल एस्टेट सेक्टर का भला
रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी बनेगी
समय पर प्रोजेक्ट पूरे होंगे जिससे हर एक के घर का सपना पूरा होगा
विवादों के जल्द निपटारे से सेक्टर की क्षमता बढ़ेगी
पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी
टेलीकॉम और बैंकिंग सेक्टर की तरह इस सेक्टर के लिए अब अलग नियम कायदे कानून बनेंगे
देशी और विदेशी निवेश बढ़ेगा
अवैध कंस्ट्रक्शन पर लगाम लगेगी
घर खरीदने वालों का भी फायदा
बिक्री के लिए कारपेट एरिया बताना होगा
मॉडल एग्रीमेंट बनेगा जिसमें दोनों पक्ष शामिल होंगे
रकम का दूसरी जगह उपयोग रूकेगा, सही समय और लागत पर काम पूरा होगा
कीमतें कंट्रोल करने और कालेधन पर लगाम लगेगी
कोर्ट में लंबे समय तक चलने वाले मामले खत्म होंगे
ग्राहकों के हित के कानून होंगे
ट्रिब्यूनल का आदेश नहीं मानने पर 3 साल की सजा और आर्थिक दंड
डेवलपर्स को भी राहत
रातों रात भागने वाले डेवलपर्स गायब हो जाएंगे
दूसरे सेक्टर की तरह विश्वसनियता बढ़ेगी