66% लड़के, 30% लड़कियां रोज देखते हैं पोर्न

मेंगलुरु। 16 से 21 आयुवर्ग के युवाओं के सर्वे में सामने आया है कि 66 फीसद अंडरग्रेजुएट लड़के हफ्ते में सात घंटे पॉर्न देखते हैं। सर्वे में यह भी सामने आया है कि नौ साल की उम्र से ही वे पॉर्न देखना शुरू कर देते हैं।

वहीं, लड़कियों के मामले में करीब 30 फीसद युवतियां हफ्ते में पांच घंटे पॉर्न देखती हैं। यह सर्वे राज्य के 183 कॉलेज में 3500 छात्र-छात्राओं के बीच किया गया था। इसे रेस्क्यू एनजीओ के सीईओ अभिषेक क्लिफोर्ड और स्‍टेटिस्टिक्स एंड एथिक्‍स लेक्चर फ्रॉम लंदन की ओर से मिलकर किया गया था।

सर्वे में यह भी सामने आया है कि करीब 30 फीसद लड़के वॉयलेंट पॉर्न देखते हैं। यानी औसतन हर हफ्ते 19 रेप के वीडियो वे देखते हैं। हायर सेकंड्री करने के दौरान करीब 1.7 लाख नए छात्र हर साल रेप के वीडियो देखना शुरू करते हैं। जब तक वे ड‍िग्री कोर्स में प्रवेश लेते हैं, वे करीब 4900 रेप के वीडियो देख चुके होते हैं।

अभिषेक ने बताया कि 84 फीसद छात्रों ने बताया कि पॉर्न देखने के बाद उन्हें इसे देखने की लत लग गई थी। करीब 83 फीसद छात्रों ने बताया कि पॉर्न देखने के बाद उनकी यौन गतिविधि बढ़ गई और 74 फीसद ने कहा कि इसे देखने के बाद वे वेश्याओं के पास गए थे।

चौंकाने वाली बात यह है कि 76 फीसद ने स्वीकार किया कि रेप के वीडियो देखने के बाद सच में उनकी भी इच्छा करने लगी कि वे भी रेप करें। यदि मान लें कि इनमें से करीब 10 फीसद भी सच में रेप करने लगें, तो इसका मतलब है कि हर साल कर्नाटक में रेप की 13,000 घटनाएं होने लगेंगी।

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